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स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय टीम के दिग्गज क्रिकेटर विराट कोहली अपने लीन पैच से पूरी तरह उभर चुके हैं। उन्होंने पिछले साल ही वनडे और टी20 में शतक लगाकर सीमित ओवर क्रिकेट में वापसी का ऐलान कर दिया था, वहीं अब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में भी 186 रनों की शतकीय पारी के साथ क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में भी वापसी का ऐलान कर दिया है। कोहली का यह टेस्ट में 28वां शतक था, जबकि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में यह उनका 75वां शतक था।

हालांकि, कोहली अब पूरी तरह से फॉर्म में आ चुके हैं और अपने पुराने अंदाज में दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कोहली के लिए पिछला कुछ समय बेहद खराब गुजरा है। कोहली ने हाल ही पूर्व दक्षिण-अफ्रीकी क्रिकेटर और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम के पू्र्व साथी एबी डिविलियर्स के साथ अपने बुरे समय का खुलासा किया है। कोहली के बल्ले से टेस्ट में शतक करीब 3.5 साल के अंतराल के बाद आया है, कोहली ने डिविलियर्स के साथ बातचीत करते हुए कहा कि उनके बल्ले से रन तो आ रहे थे, लेकिन वह खुश नहीं थे, लेकिन जब उन्होंने टेस्ट में अपना 28वां शतक पूरा किया तो उन्हें शांति और उत्साह महसूस हुआ।

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कोहली ने डिविलियर्स के यूट्यूब चैनल पर कहा, "मुझे अच्छे स्कोर मिल रहे थे, लेकिन मुझसे पूछें कि क्या मैं उससे खुश था, तो मैं कहूंगा कि मैं कभी भी खुश नहीं था। मुझे टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर गर्व होता है। मैं निश्चित रूप से टीम के लिए इतना पर्याप्त नहीं कर पा रहा था। मैं टीम के लिए बड़े रन बनाना चाहता था, जिससे मैं हमेशा प्रेरित होता हूं। मैं चाहे भारत में होता हूं या या बाहर मुझे बड़े स्कोर बनाना पसंद है। मैं कुछ हद तक ही ऐसा कर पा रहा था, लेकिन मेरा बल्लेबाजी में उस तरह का प्रभाव नहीं था, जैसा पहले होता था।"

कोहली ने आगे बात करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट शतक ने उन्हें शांति का अहसास करवाया। कोहली ने कहा, "जब मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट शतक जमाया और इस शतक को बड़े स्कोर में बदला, तो इससे मुझे शांति और उत्साह का एहसास हुआ। उस शतक ने मुझे एक तरह का जमीनी अहसास करवाया। मैं शतक बनाने के बाद जीवन में बहुत खुश और तनावमुक्त हो गया। आप जब भी खेल रहे होते हैं तो, जितना संभव हो सके उस स्थान पर रहना चाहते हैं।"