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नई दिल्ली : हॉकी इंडिया ने दावा किया कि भारतीय खिलाडिय़ों के एफआईएच सालाना पुरस्कारों में सभी पुरस्कार जीतने पर बेल्जियम की सार्वजनिक नाराजगी किसी ‘नस्लीय भेदभाव’ से कम नहीं है और विश्व संस्था को इस मामले पर जांच शुरू करनी चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थिएरी वेल को कड़े शब्दों में लिखे गए पत्र में हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोम्बाम ने कहा कि बेल्जियम और उसके खिलाडिय़ों का मतदान प्रणाली पर सवाल उठाकर भारतीय पुरस्कार विजेताओं का अपमान करना और उनकी उपलब्धियों को नीचा दिखाना था।

निंगोम्बाम ने पत्र में लिखा कि भारतीय विजेताओं की घोषणा पर नाराजगी के सार्वजनिक बयान बेहद अपमानजनक है और यह हॉकी खेल और खेल भावना के अंतर्गत नहीं है। उन्होंने लिखा- बेल्जियम महासंघ की ओर से 2021 विजेताओं पर उठाई गई आपत्तियों की एफआईएच संचालन पैनल द्वारा सावधानीपूवर्क जांच की जरूरत है जिसे मैं भेदभाव/नस्लीय भेदभाव के रूप में देखता हूं।