Sports

लंदन : इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा कि भारतीय कप्तान शुभमन गिल तीसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरे तो वह तकनीकी रूप से मजबूत नहीं दिखे और उन्होंने धैर्य की कमी भी नजर आई। 

गिल ने श्रृंखला के पहले दो टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में शतक बनाया और फिर बर्मिंघम में शतक और दोहरा शतक जड़कर कई रिकॉर्ड तोड़े। उनकी शानदार बल्लेबाजी से भारत में यह मैच 336 रन से जीता था। हालांकि, वह लॉर्ड्स टेस्ट में केवल 16 और छह रन ही बना सके, जिसमें ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा और पुछल्ले बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत 22 रन से हार गया। 

वॉन ने 'द टेलीग्राफ' में अपने कॉलम में लिखा, ‘जब तीसरे दिन मैच में प्रतिद्वंद्विता अपने चरम पर पहुंच गई तो मुझे लग गया था कि इससे इंग्लैंड की टीम बाकी बचे मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाएगी। शुभमन गिल चौथे दिन बल्लेबाजी के लिए आए तो वह तकनीकी रूप से उतने मजबूत नजर नहीं आए और उनमें धैर्य की कमी भी दिखी लेकिन उनकी टीम ने इस रोमांचक टेस्ट मैच में सोमवार को कड़ी टक्कर दी।' 

उन्होंने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की प्रशंसा करते हुए कहा कि मेजबान टीम की रोमांचक जीत कप्तान की विजयी मानसिकता पर आधारित थी, जो पूरी टीम में दिखाई दी। वॉन ने कहा, ‘इंग्लैंड को बेन स्टोक्स जैसा कप्तान कभी नहीं मिला। ऐसा कप्तान जो कभी हार नहीं मानता। एक ऐसा कप्तान जो यह स्वीकार नहीं करता कि उसकी टीम के लिए खराब दौर चल रहा है तथा अपने कौशल और दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर मैच को अपने पक्ष में कर लेता है।' 

स्टोक्स ने मैच के हर विभाग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पांच विकेट लिए और 44 तथा 33 रन का योगदान दिया। इसके अलावा उन्होंने पहली पारी में ऋषभ पंत को रन आउट किया जो मैच का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। वॉन ने कहा, ‘वह स्टोक्स ही थे जिन्होंने पहले दिन जो रूट के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया कि टीम अच्छे स्कोर तक पहुंच सके। वह स्टोक्स ही थे जिन्होंने तीसरे दिन भारत जब मैच पर नियंत्रण बना रहा था तब लंच से पहले शानदार रन आउट किया। और वह स्टोक्स ही थे जिन्होंने दोनों पारियों में अहम विकेट लिए। टेस्ट मैच में महत्वपूर्ण मोड़ पर किस तरह का खेल खेलना है यह उन्हें अच्छी तरह से आता है।'