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नयी दिल्ली : भारत के पूर्व फुटबॉल खिलाड़ियों का मानना है कि अपने शांत रवैये से सुखविंदर सिंह ने भारतीय फुटबॉल टीम के प्रदर्शन में काफी सुधार लाया और वह ध्यानचंद पुरस्कार के हकदार हैं। सुखविंदर 36 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत के कोच रहे और उनका कामयाबी का प्रतिशत 47 . 22 था। उन्हें आनलाइन समारोह में 29 अगस्त को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया जायेगा।

उनके कोच रहते भारत ने 1999 और 2009 में सैफ कप जीता और 1999 दक्षिण एशियाई खेलों में भी कांस्य पदक हासिल किया। पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया ने कहा- सुखी सर इस पुरस्कार के हकदार हैं। उन्हें बधाई। मुझे भारतीय कप्तान के रूप में पहला मैच उन्होंने ही दिया। मैं हमेशा उनका शुक्रगुजार रहूंगा। पूर्व भारतीय स्टार रेनेडी सिंह ने कहा कि पंजाब के यह कोच भारतीय टीम के सबसे सफल कोचों में से हैं।

उन्होंने कहा- जब मैने राष्ट्रीय टीम में पदार्पण किया तो सुखविंदर सर ही कोच थे। उन्होंने टीम के प्रदर्शन को पूरी तरह बदलकर रख दिया। उस समय हम मलेशिया जैसी टीमों से भी हार जाते थे लेकिन फिर यूएई और उजबेकिस्तान जैसी मजबूत टीमों को कड़ी चुनौती देने लगे।