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नई दिल्ली: ओलंपिक पदक जीतने का पूर्व भारतीय हॉकी गोलकीपर भरत छेत्री का सपना पूरा नहीं हुआ लेकिन उनका मानना है कि मनप्रीत सिंह और उनकी टीम अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में पदक के चार दशक लंबे इंतजार को खत्म कर सकती है। ओलंपिक में भारतीय हॉकी का शानदार इतिहास रहा है और उसने खेलों के महाकुंभ में आठ स्वर्ण पदक सहित एक रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं।

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छेत्री ने हॉकी इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘युवा भरत कहता कि मेरा सपना ओलंपिक में पदक जीतना है लेकिन उम्रदराज भरत, भारतीय हॉकी के प्रशंसक के तौर पर, टोक्यो ओलंपिक खेलों में टीम को देश के लिए पदक जीतते हुए देखना चाहता है।' उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ एक सपना नहीं है, यह एक विश्वास है, जो मैंने मौजूदा खिलाड़ियों में देखा है, गोलकीपिंग और सहायक कोच के रूप में टीम के साथ जुड़े होने के दौरान भी मैंने ऐसा देखा है।'

छेत्री ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारे पास जो प्रतिभा है उसके साथ फिटनेस के शीर्ष स्तर से दोनों संबंधित मुख्य कोचों के मार्गदर्शन में हमारे पास अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का अच्छा मौका है।' इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि लंदन ओलंपिक में अंतिम स्थान पर रहने के बाद भारतीय टीम ने खेल के सभी विभागों में सुधार किया है और यह उसकी विश्व रैंकिंग में भी दिखता है जहां आठ बार का ओलंपिक चैंपियन फिलहाल चौथे स्थान पर है।