जालन्धर : आजादी के एक साल बाद यानी 1948 में जन्म लेने वाले एकनाथ सोल्कर ऐसे पहले क्रिकेटर थे जिन्होंने टीम इंडिया में जगह बनाई थी। टीम इंडिया के लिए 27 टेस्ट और 7 वनडे खेलने वाले एकनाथ बल्लेबाजी के अलावा तेज और स्पिन दोनों तरह की गेंदबाजी कर लेते थे। एकनाथ को उनकी इसी विविधता के कारण तब ‘गरीबों का सोबर्स’ कहा जाता था। हालांकि सोबर्स से ऊलट एकनाथ शॉर्ट लैग के बेहतरीन फील्डरों में शुमार थे। उनका एक अखबार को दी गई इंटरव्यू में कहना- मुझे सिर्फ बॉल नजर आती है, खूब चर्चित हुआ था।
एकनाथ कैचिंग एक्सपर्ट थे। उनके नाम 27 मैचों में 53 कैच लेने का रिकॉर्ड दर्ज है। उनके बारे में टोनी ग्रेग ने कभी कहा था कि एकनाथ से बढिय़ा शॉर्ट लैग फील्डर आज तक दुनिया में पैदा नहीं हुआ। एकनाथ को 1971 में ओवर के मैदान पर खेले गए उस टेस्ट के लिए भी जाना जाता है जिसमें उनकी एक शानदार कैच ने भारतीय टीम को इंगलैंड में पहला टेस्ट जीतने के योग्य बना दिया था।
एकनाथ के पिता मुंबई के हिंदु जिमखाना में ग्राऊंड मैन थे। सोल्कर अक्सर मैचों के दौरान स्कोरबोर्ड बदलने का काम करते थे। उन्हें 1974 में इंगलैंड के खिलाफ खेले गए उस चर्चित टेस्ट के लिए भी जाना जाता है जिसमें उन्होंने केवल 18 रन बनाए थे। दरअसल, उक्त मैच में भारतीय टीम महज 17 ओवरों में 42 रनों पर ढेर हो गई थी। सोल्कर ने सबसे ज्यादा 18 रन बनाए थे।