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नई दिल्ली : 2014 के इंग्लैंड दौरे के दौरान भारतीय कप्तान विराट कोहली इंग्लिश परिस्थितियों में ड्यूक बॉल का सामना करते हुए संघर्ष करते दिखे थे। दौरे पर 5 टेस्ट मैचों में उनका स्कोर 1, 8, 25, 0, 39, 28, 0,7, 6 और 20 रहा था। इसी दौरे के बाद कोहली ने जोरदार वापसी की और आज वह सिरमौर क्रिकेटर हैं। कोहली ने उक्त दौरे से उभरने के बारे में भारतीय सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवल के साथ इंस्टाग्राम लाइव पर बात की। 

Do not be afraid of short ball, it seems to be out : Virat Kohli

कोहली ने कहा- 2014 का इंगलैंड दौरा मूल रूप से परिस्थितियों को समायोजित करने पर थे। यह उन चीजों को करने के बारे में था जो मैं करना चाहता था। बशर्ते इसके लिए मुझे कठोर होना चाहिए था। हालांकि यह इतना आसान नहीं होता। यह एक लंबा और दर्दनाक अहसास होता है जिसका अहसास मैंने किया। 2014 का दौरा हमेशा से मेरी जिंदगी का एक माइलस्टोन रहा है। मैं वहां रहना चाहता था और स्थितियों को बदलना चाहता था।

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कोहली बोले- मैंने महसूस किया कि टेस्ट क्रिकेट में जब ऐसा वक्त आता है तो अपने आप को कंपटीशन को बनाए रखना एक क्रिकेटर के लिए सबसे मुश्किल काम है। उस दौरे ने मुझे यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि मैं अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को कैसे लंबा खींच सकूं। फिर एक दिन मुझे पूर्व रवि शास्त्री ने अपने कमरे में बुलाया।

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रवि बोले- आप क्रीज से बाहर आकर खेलो। क्या आपको शॉर्ट बॉल से डर तो नहीं लगता। रवि के इस सवाल पर  मैं हैरान था। बोला- नहीं, मुझे शॉर्ट बॉल से डर नहीं लगता। मुझे आऊट होने से डर लगता है। उस साल मैंने खूब प्रैक्टिस की। ऑस्ट्रेलिया में इसका शानदार नतीजा सामने आया।