खेल डैस्क : आखिरकार पृथ्वी शॉ के करियर में उथल पुथल क्यों चल रही है, पर पूर्व कोच ज्वाला सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है। पृथ्वी ने हाल ही में त्रिपुरा के खिलाफ तीसरे दौर के मुकाबले के लिए मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम में अपनी जगह खो दी थी। हालांकि, वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024-25 में जगह पाने में कामयाब रहे लेकिन 25 वर्षीय खिलाड़ी आईपीएल 2025 की नीलामी में अनसोल्ड रह गए। उनका बेस प्राइस 75 लाख ही था लेकिन उनपर कोई बोली नहीं लगी। शॉ को एक समय भारतीय क्रिकेट में अगली बड़ी चीज माना जाता था, लेकिन इस वक्त वह अपने करियर में सबसे खराब क्षण देख रहे हैं।
एक शॉ के पहुंचे पूर्व कोच ज्वाला सिंह ने कहा कि कार्य नैतिकता और अनुशासन की कमी भी एक कारक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यदि आप प्रतिभाशाली हैं तो यह एक बीज की तरह है। इसे पेड़ बनाने के लिए स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है। यह स्थिरता आपकी जीवनशैली, आपकी कार्य नीति और अनुशासन से आती है, इसलिए मुझे लगता है कि स्थिरता उसके (शॉ) साथ नहीं है। कोई भी शानदार शुरुआत कर सकता है, जो उसने किया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शीर्ष पर बने रहने के लिए, किसी को अपने खेल में हर समय सुधार करना होगा।
ज्वाला सिंह ने सचिन तेंदुलकर की उदाहरण दी। साथ ही कहा कि यशस्वी की कार्य नीति शानदार है; वह वास्तव में कड़ी मेहनत कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि सचिन तेंदुलकर ने भी अपने खेल में लगातार सुधार किया। अपने खेल को बेहतर बनाया और अपनी फिटनेस और मानसिक दृढ़ता पर काम किया। मुझे लगता है कि एक खिलाड़ी तभी पटरी से उतरता है जब वह प्रक्रिया से दूर हो जाता है। यदि आपकी प्रक्रिया और कार्य नीति ठीक है तो आप पीछे नहीं हटेंगे, इसलिए मुझे लगता है कि खिलाड़ी इसी वजह से असफल होते हैं। जहां तक यशस्वी का सवाल है तो उनकी कार्य नीति शानदार है; वह वास्तव में कड़ी मेहनत करता है और वह जानता है कि क्या करना है। यही मुख्य अंतर है।