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नई दिल्ली: दिग्गज अजीत पाल सिंह का मानना है कि मुख्य कोच के पद से ग्राहम रीड का इस्तीफा भारतीय पुरुष हॉकी टीम के लिए अच्छा होगा क्योंकि हाल ही में समाप्त हुए विश्व कप में घरेलू टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बदलाव की जरूरत थी। राउरकेला और भुवनेश्वर की संयुक्त मेजबानी में आयोजित इस विश्व कप में भारत का अभियान क्वार्टर फाइनल में पहुंचने से पहले ही खत्म हो गया था। रीड ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 

ऑस्ट्रेलिया के 58 साल के इस पूर्व खिलाड़ी ने भुवनेश्वर में विश्व कप खत्म होने के अगले दिन हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की को अपना इस्तीफा सौंप दिया। अजीत पाल ने ‘पीटीआई-भाषा' से भाषा, ‘‘ग्राहम रीड का इस्तीफा उनका व्यक्तिगत निर्णय है लेकिन टीम के इस खराब प्रदर्शन के लिए किसी को तो जिम्मेदारी लेनी ही थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली इस भारतीय टीम से विश्व कप में काफी उम्मीदें थीं लेकिन हमने सभी विभागों में खराब प्रदर्शन किया। हम नौवें स्थान पर रहे और मुझे नहीं लगता कि हम इससे भी बुरा कर सकते थे। यह टीम का सबसे खराब प्रदर्शन है।'' 

भारत को 1975 में इकलौता विश्व कप खिताब दिलाने वाले इस पूर्व दिग्गज कहा, ‘‘परिवर्तन हमेशा अच्छे के लिए होता है और मुझे लगता है कि रीड का इस्तीफा भारतीय टीम के लिए अच्छा होगा। मुझे लगता है कि अब हमें नये विचारों वाले किसी ऐसे कोच की जरूरत है जो टीम को एक बार फिर से एकजुट कर सके।'' मेजबान भारत ने विश्व रैंकिंग में पांचवें स्थान पर रहते हुए टूर्नामेंट की शुरुआत की, लेकिन क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहा। टीम को क्रॉस-ओवर मैच में शूट-आउट में निचली रैंकिंग की टीम न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा। 

हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम ने इसके बाद वर्गीकरण मैचों में जापान को 8-0 और दक्षिण अफ्रीका को 5-2 से हराकर अर्जेंटीना के साथ संयुक्त नौवें स्थान हासिल किया। रीड को अप्रैल 2019 में भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया गया था और उनका करार पेरिस ओलंपिक (2024) तक का था। उनके कोच रहते भारत ने तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था। ऑस्ट्रेलिया के 58 साल के रीड के अलावा क्लार्क और डेविड ने भी सोमवार को सुबह इस्तीफे दे दिया । तीनों अगले महीने नोटिस पीरियड में रहेंगे । 

अजीत पाल ने इस मौके पर भारतीय टीम के चयनकर्ताओं पर भी सवाल उठाया और कहा, ‘‘ चयनकर्ताओं को भी कुछ दोष लेना चाहिए क्योंकि विश्व कप में हमारे खिलाड़ी थके हुए लग रहे थे। मुझे लगता है कि ओलंपिक जीतने वाली मूल टीम में ज्यादा बदलाव की जरूरत नहीं थी। कप्तान को क्यों बदला गया। '' पूर्व कप्तान और मौजूदा राष्ट्रीय चयनकर्ता सरदार सिंह हालांकि मानते है कि रीड का इस्तीफा गलत समय पर हुआ है। 

उन्होंने कहा, ‘‘ निश्चित रूप से रीड का इस्तीफा सही समय पर नहीं हुआ है क्योंकि हमें इस साल एशियाई खेलों और फिर अगले साल ओलंपिक में खेलना है। अब देखना यह होगा कि हॉकी इंडिया क्या करती है। मुझे उम्मीद है कि हॉकी इंडिया के दिमाग में उनकी जगह लेने और टीम को अगले स्तर पर ले जाने के लिए एक बेहतर व्यक्ति होगा।'' इस पूर्व मिडफील्डर ने कहा कि इस लचर प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘एक कोच उतना ही अच्छा होता है जितना कि खिलाड़ी। कोच आपको प्रशिक्षण दे सकता है, योजना बना सकता है लेकिन यह खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है कि वह मैदान पर प्रदर्शन करें।''