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साउथम्पटनः इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज निक काम्पटन ने आज कहा कि डंकन फ्लैचर ने कई दिग्गजों के संन्यास लेने के बाद भारतीय क्रिकेट के मुश्किल बदलाव के दौर को संभाला है और वर्तमान टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण को दिशा देने का श्रेय उन्हें मिलना चाहिए। भारततेज गेंदबाजों ने ट्रेंटब्रिज में 20 में से 19 विकेट लिये। भारत ने इस मैच में इंग्लैंड को 203 रन से हराया। 

निक काम्पटन
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काम्पटन ने कहा कि जिस तरह से फ्लैचर ने जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्राड को उनके शुरुआती दौर में सही रास्ता दिखाया था उसी तरह से वर्तमान के भारतीय तेज गेंदबाजों (उमेश यादव, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार) को जिम्बाब्वे के इस सम्मानीय कोच से मिली सलाह का फायदा मिला।  काम्पटन ने कहा, ‘‘भारतीय तेज आक्रमण अचानक ही इस स्तर पर नहीं पहुंचा। इसमें समय लगा और इसमें धीरे-धीरे सुधार हुआ। इन सभी गेंदबाजों ने समय लिया। भारत के पास पहले इतने अधिक तेज गेंदबाज नहीं हुआ करते थे लेकिन अब उनके पास हैं। इनमें से अधिकतर कभी न कभी फ्लैचर के कोच रहते हुए खेले हैं इसलिए उन्हें श्रेय जाता है। (तेज गेंदबाजी आक्रमण को संवारने की) यह प्रक्रिया काफी पहले शुरू हो गयी थी लेकिन अब जाकर वे सभी मिलकर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।’’ 
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तेजी से समझौता नहीं करते तेज गेंदबाज
काम्पटन से पूछा गया कि अब उन्हें क्या अंतर नजर आता है, उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व से यह अंतर है कि ये तेज गेंदबाज तेजी से समझौता नहीं करते। जैसे कि जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्राड तेजी के साथ गेंद को मूव करने की क्षमता रखते हैं।’’ महान डेनिस काम्पटन के पौत्र निक का मानना है कि भारतीय टीम प्रबंधन को चेतेश्वर पुजारा और अंजिक्य रहाणे जैसे खिलाडिय़ों को भी आगे बढऩे का मौका देना चाहिए।  उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (पुजारा और रहाणे) उस ड्रेसिंग रूम में मजबूत व्यक्तित्व के रूप में विकसित होने का मौका दिया जाना चाहिए। अब पुजारा और रहाणे रन बना रहे हैं तो भारत के लिये काम आसान हो जाएगा। भारत ने नाटिघम में जीत दर्ज की और उसे अच्छी संतुलित टीम मिल गयी है। इसमें बदलाव की कोई जरूरत नहीं लगती है। अगर विराट (चौथे टेस्ट की टीम में) कोई बदलाव करते हैं तो देखना दिलचस्प होगा।’’

डंकन फ्लैचर
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काम्पटन ने कहा, ‘‘चयन के मामले में विराट ने कई बदलाव किये हैं। उदाहरण के लिए पहले टेस्ट मैच से पुजारा को बाहर रखने के गलत फैसले को अनुमति देने से टीम प्रबंधन की कमजोरी का पता चलता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब विराट इतने अधिक बदलाव करता है तो पुजारा और रहाणे जैसे खिलाडिय़ों के लिए यह आसान नहीं हो सकता है। वे दबदबा रखने वाले व्यक्ति नहीं हैं और इस तरह के खिलाडिय़ों को कई बार इस तरह के फैसलों से सामंजस्य बिठाने में दिक्कत हो सकती है।’’