लाहौर : बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बुधवार को कहा कि यह बहुत स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट की बहाली भारत सरकार की मंजूरी के अधीन है। न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल देखने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के निमंत्रण पर यहां आए बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि भारतीय टीम बेहतर प्रदर्शन के लिए अनुकूल पिचों पर निर्भर नहीं है।
शुक्ला ने कहा कि जहां तक आप दोनों देशों के बीच क्रिकेट के बारे में पूछ रहे हैं तो यह बहुत स्पष्ट है कि यह (भारतीय) सरकार का फैसला है। भारत की सरकार जो भी कहेगी, हम उनके अनुसार चलेंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय के बाद किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है और यह अच्छी बात है। उन्होंने इसका अच्छे से आयोजन किया है। शुक्ला ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों के प्रशंसक द्विपक्षीय संबंध फिर से शुरू करना चाहते हैं लेकिन तटस्थ स्थल पर खेलने के विचार पर वह सकारात्मक नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि यह सच है कि दोनों देशों के प्रशंसक चाहते हैं कि टीमें खेलें, लेकिन बीसीसीआई की नीति रही है कि द्विपक्षीय मैच एक-दूसरे की धरती पर ही होने चाहिए ना कि किसी तीसरे (या) तटस्थ स्थल पर और पीसीबी की भी ऐसी ही नीति होगी।
शुक्ला ने कहा कि बीसीसीआई की लगातार यही नीति रही है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) में भी एक प्रावधान है जो सरकार की सहमति के बारे में है। यह एक बड़ा प्रावधान है इसलिए यह सरकार की सहमति के दृष्टिकोण से होता है। इस अनुभवी प्रशासक ने कहा कि हर दूसरा देश भारत-पाकिस्तान की मेजबानी करने की पेशकश करेगा, कौन नहीं करेगा? उन्होंने कहा कि हम अपनी बात सरकार के सामने रखते हैं, लेकिन वे विचार-विमर्श के बाद फैसला करते हैं। जब सरकार कोई फैसला लेती है तो वह कई पहलुओं पर विचार करने के बाद लेती है। यह उनका आंतरिक मामला है।
शुक्ला ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली भारतीय टीम को इस आठ टीमों के टूर्नामेंट में केवल एक ही स्थान पर खेलने का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि जब आईसीसी स्तर पर यह निर्णय लिया गया था तो यह तय किया गया था कि भारत के मैच दुबई में होंगे और बाकी मैच पाकिस्तान में होंगे इसलिए यह निष्पक्ष या अनुचित का सवाल नहीं है। शुक्ला ने कहा कि भारतीय टीम पिचों पर निर्भर नहीं करती है, यहां तक कि वहां (दुबई में) भी अलग-अलग तरह की पिचें हैं। टीम अपने प्रदर्शन के आधार पर खेलती है, खिलाड़ी अपनी ताकत के आधार पर खेलते हैं और पिचों पर निर्भर नहीं होते हैं।
शुक्ला से पूछा गया कि क्या यह बेहतर नहीं होता अगर फाइनल लाहौर में होता तो उन्होंने जवाब दिया। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया को कल (मंगलवार को) जीतना चाहिए था। लेकिन वे हार गए इसलिए फाइनल दुबई में खेला जाएगा। एशिया कप के कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि यह यथास्थिति है इसलिए यह उसी के अनुसार होगा। शुक्ला से जब पूछा गया कि बीसीसीआई अधिकारी के तौर पर वह पाकिस्तान से क्या लेकर जाएंगे तो उन्होंने कहा कि मैं एशिया कप के लिए भी यहां आया था। रोजर बिन्नी भी वहां थे और जय शाह भी पूरा सहयोग कर रहे हैं।