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स्पोर्ट्स डेस्क: भारत की घरेलू वनडे प्रतियोगिता विजय हजारे ट्रॉफी में रोहित शर्मा और विराट कोहली की वापसी की पुष्टि हो चुकी है। रोहित पहले ही टूर्नामेंट खेलने की अपनी उपलब्धता जताकर चुके थे, जबकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोहली ने भी भाग लेने के लिए सहमति दे दी है। दोनों दिग्गज बल्लेबाज वनडे फॉर्मेट में अपनी लय बनाए रखना चाहते हैं, जो वर्तमान में उनका एकमात्र सक्रिय प्रारूप है।

हालांकि इस बीच एक नया मोड़ आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, BCCI ने साफ कर दिया है कि उसने रोहित और कोहली को विजय हजारे ट्रॉफी खेलने के लिए मजबूर नहीं किया। एक बोर्ड अधिकारी ने बताया कि यह खिलाड़ियों का “स्वतंत्र फैसला” है और बोर्ड ने कोई दबाव नहीं बनाया।

जब अधिकारी से पूछा गया कि क्या बोर्ड ने उन्हें ऐसा करने के लिए संकेत दिया था, तो उन्होंने इनकार करते हुए कहा—“यह उनका अपना निर्णय है।”

चयन समिति प्रमुख अजीत आगरकर और मुख्य कोच गौतम गंभीर समय-समय पर खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं। इसी माहौल का प्रभाव माना जाता है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से लौटने के बाद रोहित और कोहली ने रणजी ट्रॉफी में भी हिस्सा लिया था।

वनडे क्रिकेट में दोनों सीनियर खिलाड़ियों का प्रदर्शन अब भी टीम इंडिया की बल्लेबाजी का आधार है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-1 की सीरीज जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोच गंभीर ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि कोहली और रोहित आगे भी इसी तरह टीम के लिए अहम भूमिका निभाते रहेंगे, हालांकि उन्होंने 2027 ODI वर्ल्ड कप को लेकर कोई संकेत नहीं दिया।

गंभीर बोले, 'रोहित और कोहली विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं। उनका अनुभव टीम के ड्रेसिंग रूम के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। वे लंबे समय से टीम के स्तंभ रहे हैं और उम्मीद है कि 50 ओवर फॉर्मेट में आगे भी ऐसा ही करते रहेंगे।'