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स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय महिला क्रिकेट टीम वैश्विक प्रतियोगिताओं में लगातार नॉकआउट चरण में हारती रही है तथा ऑस्ट्रेलिया की पूर्व कप्तान लिसा स्टालेकर का मानना है कि अपने अंदर जीत का विश्वास जगाने पर ही हार के इस क्रम को तोड़ा जा सकता है। पिछले दो वर्षों में भारत ने द्विपक्षीय और आईसीसी की प्रतियोगिताओं में ऑस्ट्रेलिया को कड़ी टक्कर दी है लेकिन इसके बावजूद वह वैश्विक प्रतियोगिताओं में खिताब नहीं जीत पाया है। 

स्टालेकर जब खेलती थी तो ऑस्ट्रेलिया का महिला क्रिकेट में दबदबा था तथा मेग लैनिंग की अगुवाई वाली टीम इसे अगले स्तर तक ले गई। स्टालेकर ने पीटीआई से कहा, ‘‘जब मैं खेला करती थी तब भी और आज भी ऑस्ट्रेलियाई टीम इस विश्वास के साथ मैदान पर कदम रखती है कि वह किसी भी परिस्थिति में जीत सकती है क्योंकि उसने अतीत में भी ऐसा किया है। मैं अपनी पीढ़ी के बारे में बात कर सकती हूं। मेरे राज्य न्यू साउथ वेल्स की टीम नियमित तौर पर राष्ट्रीय खिताब जीतती रही है। कुछ अवसर ऐसे भी आए जब हमें नहीं जीतना चाहिए था, लेकिन हम किसी तरह कामयाब रहे।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए एक बार जब आप यह विश्वास हासिल कर लेते हैं, तो आपको परिस्थितियों का सामना करने के लिए छोड़ दिया जाता है और आपकी यह सोच कि हम किसी भी परिस्थिति में जीत सकते हैं आपको सफलता दिलाती है। इसे सिखाना बहुत मुश्किल है।'' स्टालेकर ने कहा,‘‘ भारतीय टीम कई बार खिताब जीतने के करीब पहुंची। उन्हें केवल अपनी मानसिकता में बदलाव करने की जरूरत है और फिर उसके बाद उन्हें अनुकूल परिणाम मिलने लग जाएंगे।'' 

पुणे में जन्मी इस 43 वर्षीय क्रिकेटर का मानना है कि कुशल खिलाड़ियों की संख्या अधिक होने से भारत को अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘महिला प्रीमियर लीग के अलावा अगर वह भारत ए की टीम तैयार कर सकते हैं जो लगातार विदेशों का दौरा करे तो खिलाड़ियों का एक अच्छा ‘पूल' तैयार करने में मदद मिलेगी। यह खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए लगातार अपना दावा पेश करते रहेंगे।''