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नई दिल्ली: राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू गंघास (48 किग्रा) और अनुभवी मुक्केबाज स्वीटी बूरा (81 किग्रा) शनिवार को यहां महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में अलग अलग अंदाज में जीत से विश्व चैम्पियन बनीं और इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। नीतू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मंगोलिया की लुतसाईखान अल्तानसेतसेग को 5-0 से हराकर न्यूनतम वजन वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। स्टेडियम में बीजिंग ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और नीतू के आदर्श विजेंदर सिंह भी मौजूद थे। स्वीटी ने लाइट हेवीवेट वर्ग में चीन की वांग लिना की चुनौती से पार पाते हुए 4-3 से जीत हासिल की और भारत को दोहरी सफलता दिलायी। 

दिन के पहले मुकाबले में भिवानी की 22 वर्षीय मुक्केबाज नीतू ने आक्रामक शुरूआत की, पहले राउंड में वह 5-0 से आगे थी। दूसरे राउंड में उन्होंने सीधे मुक्के जड़े। अल्तानसेतसेग ने जब जवाबी हमला किया तो इस भारतीय मुक्केबाज ने अपनी प्रतिद्वंद्वी से अच्छा बचाव किया। दोनों मुक्केबाज करीब होकर खेल रही थी और एक दूसरे को जकड़ रही थी जिसमें दूसरे राउंड के अंत में नीतू पर ‘पेनल्टी' से अंक कांट लिये गये। दूसरे राउंड में मंगोलियाई मुक्केबाज की मजबूत वापसी के बावजूद नीते इसे 3-2 से अपने हक में करने में सफल रही। फिर अंतिम तीन मिनट में नीतू ने दूर से शुरूआत की और अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए फिर करीब से खेलने लगीं जिसमें अल्तानसेतसेग का भी प्रतिद्वंद्वी को जकड़ने के लिये एक अंक काट लिया गया। अंत में भारतीय मुक्केबाज विजेता रहीं । 

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पहले तीन मुकाबले आरएससी (रैफरी द्वारा मुकाबला रोकना) से जीतने वाली नीतू ने पूरे टूर्नामेंट में दबदबे भरा प्रदर्शन किया। इस जीत से 2022 स्ट्रैंड्जा मेमोरियल में स्वर्ण पदक जीतने वाली नीतू विश्व चैम्पियन खिताब हासिल करने वाली छठी भारतीय मुक्केबाज बनी। नीतू ने कहा, ‘‘मैंने आज मुकाबले में आक्रामक खेलने का फैसला किया और मैं जीत के बाद बहुत खुश हूं। मुझे खुद पर, अपने परिवार पर गर्व है और मैं अपने कोचों विशेषकर मुख्य कोच भास्कर सर को शुक्रिया कहना चाहूंगी। '' दिन के अंतिम मुकाबले में 2014 की रजत पदक विजेता स्वीटी अपने पदक का रंग बदलने में सफल रहीं। 

हरियाणा की इस मुक्केबाज ने मैच शुरू होते ही आक्रामकता बरती लेकिन वह मुक्के सही जगह पर नहीं जड़ सकीं और वांग ने तेजी से उनके हमलों को पस्त किया। लेकिन फिर स्वीटी ने एक मजबूत मुक्का जड़कर दर्शकों को खुश कर दिया और इसके बाद उन्होंने इसी तरह खेलना जारी रखते हुए पहले दो राउंड में 3-2 से पछाड़ा। दोनों मुक्केबाज एक दूसरे को पछाड़ने के लिये एक दूसरे को गिराने की कोशिश कर रही थीं और जकड़ रही थीं। तीसरे राउंड में स्वीटी ने रक्षण में मिला जुलाकर हमले किये लेकिन वांग ने इसे 4-1 से अपने नाम किया। इसके बाद मुकाबला रिव्यू के लिये भेजा गया और स्वीटी विजेता रहीं। 

ये दोनों अब उन एलीट मुक्केबाजों की सूची में शामिल हो गयी हैं जिसमें छह बार की चैम्पियन एम सी मैरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आर एल (2006), लेखा केसी (2006) और निकहत जरीन (2022) शामिल हैं। मेजबान भारत इस तरह स्वर्ण पदक के मामले में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी की ओर बढ़ रहा है जिसमें मौजूदा चैम्पियन निकहत जरीन और ओलंपिक पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन रविवार को रिंग में उतरेंगी। भारत ने 2006 चरण में चार स्वर्ण पदक जीते थे।