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जालन्धर : एशियन रैसलिंग चैंपियनशिप में भारत की ओर से गोल्ड जीतने वाली पहली महिला रैसलर नवजोत कौर ने तभी यह सफलता प्राप्त कर पाई जब वह दृढ़-निश्चय से अपने इरादे पर खड़ी रही। नवजोत ने पंजाब केसरी से एक इंटरव्यू में बताया कि साल पहले वह पीठ में दर्द के कारण परेशान हो गई थीं। हालात इतने मुश्किल हो गए थे कि वह एक समय खेल छोड़ देना चाहती थी। लेकिन वह खेल नहीं छोड़ पाई क्योंकि वह जानती थी कि उनके परिवार वालों को उनसे कितनी उम्मीदें हैं। उनके खेल के लिए पिता ने लोन ले रखा था। 

परिवार वालों ने किया जोरदार स्वागत
बीते दिन नवजोत जब तरनतारण स्थित घर पहुंची तो परिवार वालों ने उनका जोरदार स्वागत किया। स्वागत से गदगद हुई नवजोत कौर ने कहा कि उनका सपना ओलंपिक में गोल्ड लाने का है। हालांकि एशिया चैंपियनशिप में गोल्ड भी किसी धरोहर से कम नहीं है। अब मेरा पूरा फोक्स ओलंपिक पर है। अगर ओलंपिक में गोल्ड ला पाई तो यह मेरे ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात होगी। 

मुश्किल समय में कोच ने साथ दिया
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नवजोत ने बताया कि चैंपियनशिप में फाइनल मैच से पहले वह थोड़ा प्रैशर में थी। उन्हें पता था कि वह अगर फाइनल जीती तो भारत की ओर से पहली महिला रैसलर होगी जो इस खेल में गोल्ड जीतेगी। इसी चीज ने उनमें डर पैदा किया। लेकिन शुक्र है। कोच सर उनके साथ थे। उन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया। कहा- ऐसे मौकों पर ऐसे हालात बनने आम बात है। लेकिन एक बात जान लो जो व्यक्ति मुश्किल समय में संयम बनाए रखता है वो ही सफल होता है। कोच सर की मोटिवेशन और घर वालों के मुझपर विश्वास के कारण ही मैं चैंपियनशिप में गोल्ड जीत पाई।

पंजाब के खिलाड़ी आत्मविश्वास से भरे
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खेलों में पंजाब सदा ही बढ़ा ब्रॉन्ड रहा है। एक-दो एथलीट के डोपिंग में नाम आने से यह साबित नहीं हो जाता कि पंजाब में नशे की भरमार है। पंजाब आज भी सुपरस्टार पैदा कर रहा है। इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले ओलंपिक में पंजाब के खिलाडिय़ों की भरमार थी।

लड़कियों के नाम संदेश
आत्मविश्वास से भरी रहें। यही आपका सच्चा साथी है। अगर आप खुद पर विश्वास करेंगी कि दुनिया की कोई भी मुश्किल से आसानी से पार पा जाएंगी। मां-बाप के आशीर्वाद से सबकुछ संभव है। बस कभी मेहनत करना न छोड़ें।

सरकार साथ दें तो निकलेंगे बेहतर एथलीट
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नवजोत ने पंजाब में खिलाडिय़ों के भविष्य पर बोलते हुए कहा कि एथलीट कोई भी हो सरकार के सहयोग के बिना सफल नहीं हो पाता। हां, रास्ता थोड़ा कठिन जरूरत होता है लेकिन ऐसा नहीं कि खत्म न हो। खुद पर विश्वास बनाए रखें। मेरे मुश्किल समय में मुझे रेलवे ने नौकरी देकर मदद की। नौकरी थी तभी पैसे की कोई चिंता नहीं थी। आराम से मैं अपनी गेम पर ध्यान दे पाईं।