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लंदन : यार्कशर काउंटी क्रिकेट क्लब ने पुष्टि की कि नस्लवाद के आरोपों और आरोपियों को दी गई प्रतिक्रिया संबंधित दस्तावेज ‘डिलीट' हो गए हैं जिन्हें दोबारा वापस हासिल नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान में जन्में क्रिकेटर अजीम रफीक 10 से ज्यादा वर्षों तक यार्कशर के लिये खेले थे। उन्होंने दावा किया था कि क्लब में हुए नस्लवाद से वह आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगे थे। 

यार्कशर ने इन आरोपों के बाद अपने कोचिंग और प्रबंधन के काफी स्टाफ को हटा दिया था और लार्ड कमलेश पटेल क्लब के चेयरमैन बने जिन्होंने नस्लवाद से निपटने के लिये कई महत्वपूर्ण बदलाव किए। मीडिया में ‘डिलीट' हुए डाटा को लेकर काफी कोहराम मच रहा है जिसके बाद यार्कशर ने जारी एक बयान में कहा, ‘मीडिया में क्रिकेट अनुशासन आयोग (सीडीसी) जांच के संबंध में काफी रिपोर्ट आ रही हैं, क्लब ने डाटा और दस्तावेज ‘डिलीट' करने के आरोप को स्वीकार कर लिया है।' 

इसमें कहा गया, ‘पांच नवंबर 2021 को पता चला कि ईमेल और दस्तावेज जो क्लब द्वारा ‘इलेक्ट्रानिकली' और पेपर कॉपी दोनों में रखे गए थे, वे सर्वर और लैपटॉप से ‘डिलीट' हो गए और नष्ट हो गए जिन्हें दोबारा वापस हासिल नहीं किया जा सकता। सीडीसी की जांच चल रही है और हम इस समय कुछ नहीं कह सकते।' यार्कशर ने कहा कि यह निश्चित नहीं है कि फाइल किस तरह और क्यों ‘डिलीट' हुईं और इसके पीछे कौन जिम्मेदार था।