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अहमदाबाद : महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर को लगता है कि अगले हफ्ते आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में भारतीय खिलाडिय़ों के लिए सबसे बड़ी चुनौती आईपीएल टी20 प्रारूप से बाहर निकलने की होगी। रोहित शर्मा की अगुआई वाली भारतीय टीम सात जून से ‘द ओवल’ में डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलेगी जिसमें खेलने वाले ज्यादातर खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में हिस्सा लेकर पहुंचेंगे।

 

आईपीएल सोमवार को समाप्त हुआ जिसमें चेन्नई सुपर किंग्स ने रिकॉर्ड बराबरी करते हुए पांचवीं ट्राफी हासिल की। गावस्कर ने कहा कि सबसे बड़ी परीक्षा यही होगी कि हर कोई टी-20 प्रारूप खेलकर आएगा और टेस्ट क्रिकेट लंबा प्रारूप है। इसलिए मुझे लगता है कि यह बड़ी चुनौती होने वाली है। उन्होंने साथ ही कहा कि सभी भारतीय खिलाडिय़ों में केवल अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ही लंबे प्रारूप के अनुरूप ढले हुए हैं क्योंकि वह काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं।

 

गावस्कर ने कहा कि उनके (भारत) पास केवल चेतेश्वर पुजारा हैं जो इंग्लिश काउंटी चैम्पियनशिप में खेलते रहे हैं इसलिये वही एकमात्र खिलाड़ी होगा जो इन परिस्थितियों में लंबे प्रारूप में खेल रहा था। इसलिए उनके लिए यह बड़ी चुनौती होने वाली है। 

 

अजिंक्य रहाणे ने लंबे समय से चल रही खराब फॉर्म के बाद आईपीएल में मजबूत वापसी की और चेन्नई सुपर किंग्स को आईपीएल के इस सत्र में खिताब जीतने में मदद की। उनके बारे में गावस्कर ने कहा कि 34 साल के इस खिलाड़ी का इंग्लैंड की परिस्थितियों में अनुभव टीम के लिए फायदेमंद होगा।

 

उन्होंने कहा कि उसे इंग्लैंड में खेलने का काफी अनुभव है, उन्होंने इंग्लैंड में काफी रन जुटाए हैं। इसलिए हां, मुझे लगता है कि वह पांचवें नंबर पर अहम खिलाड़ी साबित होगा। मेरा यह भी मानना है कि उसे खुद को साबित करना है, मुझे अब भी लगता है कि उसमें काफी क्रिकेट बचा है और यह उसके लिए शानदार मौका होगा।

 

क्रिकेटर से कमेंटेंटर बने गावस्कर ने उम्मीद जतायी कि रहाणे इस मिले मौके का पूरा इस्तेमाल अपने पेशेवर करियर को बढ़ाने में करेगा। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद कर रहा हूं कि वह अपने अनुभव से इस मौके का फायदा उठाने में सफल रहेगा और फिर से भारतीय टीम में अपना स्थान बनाएगा।