मेलबर्न : भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के हाथों यहां चौथे टेस्ट में 184 रन की हार को ‘मानसिक रूप से परेशान करने वाली' करार देते हुए सोमवार को स्वीकार किया कि उनकी टीम इस मैच में संघर्ष करने का जज्बा दिखाने में विफल रही। भारत पांच मैचों की इस श्रृंखला में 1-2 से पीछे हो गया है। श्रृंखला का पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच तीन जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा।
खुद रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे रोहित ने मैच के बाद कहा, ‘यह मानसिक रूप से परेशान करने वाला होता है जब आप वह नहीं कर पाते जो करने आए हैं।' उन्होंने इससे पहले पुरस्कार समारोह में कहा, ‘यह काफी निराशाजनक है। मैच जीतने के तरीके होते हैं और हम यहां मैच जीतने के तरीके ढूंढने में चूक गए। हम अंत तक टक्कर देना चाहते थे लेकिन दुर्भाग्य से हम ऐसा नहीं कर सकें।'
ऑस्ट्रेलिया अपनी दूसरी पारी में छह विकेट पर 90 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था और रविवार को उस समय उसकी कुल बढ़त अभी 200 तक नहीं पहुंची थी। टीम हालांकि पुछल्ले बल्लेबाजों के संघर्ष से भारत को 340 रन का लक्ष्य देने में सफल रही। रोहित ने स्वीकार किया कि उनकी टीम अनुकूल स्थिति का फायदा नहीं उठा सकी। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘हमने 90 रन तक ऑस्ट्रेलिया के छह विकेट चटका लिए थे। हमें पता था कि हमारे लिए चीजें आसान नहीं होंगी लेकिन हम मुश्किल परिस्थितियों में भी जज्बा दिखाना चाहते थे। हम हालांकि ऐसा करने में नाकाम रहे। मैं अपने रूम में जाने के बाद सोच रहा था कि हम टीम के तौर पर और क्या कर सकते थे।'
उन्होंने कहा, ‘हमने जो भी मौके बनाये उसे गंवा दिये। उन्होंने कड़ा संघर्ष किया। खासकर आखिरी विकेट की उनकी साझेदारी ने, शायद उस साझेदारी ने मैच को हमसे दूर कर दिया।' रोहित ने कहा कि टीम मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद लक्ष्य हासिल करना चाहती थी। उन्होंने कहा, ‘हम जानते थे कि 340 रन बनाना आसान नहीं होगा। हमने एक मंच तैयार करने और आखिरी दो सत्रों के लिए विकेट बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अच्छी गेंदबाजी भी की। हम लक्ष्य तक जाना चाहते थे, लेकिन हम इसके लिए कोई मंच तैयार नहीं कर सके।'
मुंबई के इस खिलाड़ी ने पहली पारी के दौरान शानदार शतक बनाने के लिए नीतीश कुमार रेड्डी की सराहना की और उम्मीद जताई कि युवा खिलाड़ी अपने करियर में ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘वह पहली बार यहां आया है। ये परिस्थितियां वास्तव में कठिन हो सकती हैं लेकिन उसने शानदार जज्बा और ठोस तकनीक दिखाई है। उसके पास इस स्तर पर सफल होने के लिए सब कुछ है, मुझे उम्मीद है कि वह और मजबूत होगा और उसे टीम से भी पूरा समर्थन मिलेगा।'
इस 37 वर्षीय खिलाड़ी ने लगभग अकेले दम पर भारतीय गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व करने के लिए तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की भी सराहना की। रोहित ने कहा, ‘बिल्कुल शानदार, हम उसे कई वर्षों से देख रहे हैं। वह मैदान में उतरते हैं और अपना काम पूरा करते हैं। वह आंकड़ों पर ध्यान नहीं देना चाहते हैं। वह सिर्फ देश के लिए खेलना और टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से उसे दूसरे छोर से ज्यादा समर्थन नहीं मिल रहा है।'