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स्पोर्ट्स डैस्क : भारतीय टीम ने आज ही के दिन साल 1983 में कपिल देव की कप्तानी में पहला विश्वकप जीता था। लॉर्ड्स के मैदान पर खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने विंडीज को 43 रनों से हराकर ट्रॉफी अपने नाम की थी। विंडीज टीम इससे पहले 1975 और 1979 में विश्वकप जीत चुकी थी। ऐसे में भारत के लिए जीत आसान नहीं थी, लेकिन गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन दिखाते हुए भारतीय टीम को जीत दिलाने का काम किया। आइए जानते हैं कि भारत को पहली बार विश्व चैंपियन बनाने वाले 11 खिलाड़ी कौन थे, जिसमें एक की माैत भी हो चुकी है।

1. कपिल देव 
कपिल देव ने फाइनल मुकाबले में 15 रन बनाए थे। इसके अलावा विंडीज के खिलाफ फाइनल मुकाबले में उन्होंने 11 ओवर में 21 रन देकर एक विकेट अपने नाम किया था। उन्होंने नॉकआउट मैच में जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद 175 रन की पारी भी खेली थी। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी कपिल क्रिकेट से दूर नहीं हुए। अब कपिल देव न्यूज चैनल्स पर एक्पर्ट के रूप में नजर आते हैं। 

2. सुनील गावस्कर 
सुनील गावस्कर ने ओपनर के रूप में भूमिका निभाई थी। उन्होंने विंडीज के खिलाफ फाइनल मुकाबले में 2 रन बनाए थे। इन दिनों वह कमेंट्री में सक्रिय है।

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3. कृष्णामाचारी श्रीकांत 
सुनील गावस्कर के साथ सलामी बल्लेबाज के रूप में कृष्णामाचारी श्रीकांत मैदान पर उतरे थे। वह भारतीय टीम की ओर से फाइनल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उन्होंने फाइनल में 57 गेंदों में 38 रन बनाए थे। 1992 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। अब वह टीवी चैनलस पर एक्सपर्ट्स एडवाइज देते हुए नजर आते हैं।

4. यशपाल शर्मा 
यशपाल शर्मा ने फाइनल मैच में 11 रन बनाए थे, लेकिन इस सीरीज में उन्होंने दो अर्धशतक लगाए थे। 13 जुलाई 2021 को हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई थी।

5. संदीप पाटिल
मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज संदीप पाटिल ने फाइनल में 27 रन बनाए थे। उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद केन्या के कोच की भूमिका भी निभाई। अब वह कभी-कभी एक्सपर्ट्स के रूप में चैनल्स पर नजर आते हैं।

6. मदन लाल  
मदन लाल 1983 विश्वकप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज थे। उन्होंने टूर्नामेंट में 8 मैचों में 17 विकेट लिए थे। मदनलाल 2009 से कांग्रेस का हिस्सा हैं और राजनीति से जुड़ गए हैं।

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7. रोजर बिन्नी 
रोजर बिन्नी ने फाइनल भारत को जीत दिलाने के लिए कसी गेंदबाजी की थी। उन्होंने 10 ओवर में 23 रन देकर 1 विकेट अपने नाम किया था। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह अपना अधिकतर समय परिवार के साथ ही बिताते हैं। उन्होंने टूर्नामेंट में 9 मैचों में सबसे ज्यादा 18 विकेट अपने नाम किए थे।

8. मोहिंदर अमरनाथ 
मोहिंदर अमरनाथ तब टीम के उप-कप्तान थे। फाइनल मैच में उन्होंने 7 ओवर में 12 रन देकर 3 विकेट आपने नाम किए थे। वह अक्सर टीवी पर एक्सपर्ट के रूप में नजर आते हैं।

9. सैयद किरमानी 
विकेटकीपर सैयद किरमानी ने 1983 विश्वकप के फाइनल मुकाबले में वह सिर्फ 14 रन पर आउट हो गए थे। विश्वकप के बाद वह क्रिकेट से दूर हो गए थे और अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं। 2016 में उन्हें भारत में क्रिकेट के लिए कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

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10. बलविंदर संधू 
बलविंदर संधू ने फाइनल में 9 ओवर में 32 रन देकर 2 विकेट लिए थे। इसके अलावा उन्होंने 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 11 रन भी बनाए थे। 1984 के बाद उन्होंने कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला और वह मीडिया से भी दूर रहते हैं।

11. कीर्ति आजाद 
विश्वकप विजेता टीम के खिलाड़ी कीर्ति आजाद ने सीरीज में शानदार इकॉनमी से गेंदबाजी की थी। संन्यास के बाद उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली और अब वह एक नेता हैं।