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बातुमी, जॉर्जिया ( निकलेश जैन ) विश्व महिला शतरंज कप का इतिहासिक मुक़ाबला आज से आरंभ हो गया और यह पहली बार है की भारत विश्व कप जीतेगा क्यूंकी दोनों ही खिलाड़ी भारतीय है । सफ़ेद मोहरो से खेल रही दिव्या देशमुख नें आज अपनी ओपनिंग की तैयारी से दिग्गज कोनेरु हम्पी को लगभग हारी हुई स्थिति में पहुंचा दिया था पर अपने अनुभव से और दिव्या की कुछ गलत चालों से हम्पी इस मुश्किल बाजी को बचाने में कामयाब रही । क्वीन्स गेंबिट एकसेपटेड ओपनिंग में दिव्या नें हम्पी को अपनी नयी चालों से चौंकाया और खेल की दसवीं चाल में दिव्या को इस फायदा मिला और हम्पी गलती कर बैठी , हम्पी का राजा केंद्र में था और दिव्या नें आक्रमण भी किया और अपने घोड़े को कुर्बान करते हुए खेल पर नियंत्रण ले लिया पर खेल की 14वीं चाल में ऊंट की अदला बदली करने की गलत चाल से उन्होने हम्पी को खेल में बराबरी हासिल करने का मौका दे दिया और इसके बाद हम्पी नें सम्हाल कर खेलते हुए पहले अपना घोडा कुर्बान करते हुए पहले अपने राजा को सुरक्षित किया और फिर अपने हथियों को खेल में ले आई और बराबरी हासिल कर ली , खेल की 30वीं चाल में जब हम्पी ड्रॉ के लिए सहमत थी दिव्या नें चाल बदल कर खेल को जारी रखने की मंशा जताई पर अब तक उनका राजा कमजोर हो चुका था और इस बात का फायदा उठाते हुए 35वीं चाल में अपना हाथी कुर्बान किया और दिव्या के राजा को लगातार शह देते हुए खेल ड्रॉ करा लिया । अब जब हम्पी कल सफ़ेद मोहरो से खेलते उतरेंगी तो दबाव दिव्या पर होगा और साथ ही उन्हे जल्द ही पहली बाजी खो देने के झटके से उबरकर एक नयी शुरुआत करनी होगी । अगर कल भी बाजी बेनतीजा रही तो फिर टाईब्रेक के जरिये विश्व कप विजेता का निर्णय लिया जाएगा । 

देखे फ़ाइनल की पहली बाजी का मुख्य क्षण : हिन्दी चेसबेस इंडिया के सौजन्य से