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कोलकाताः अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के संघों के महासंघ (फिका) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ( आईसीसी ) की पांच दिवसीय बैठक के पहले दिन आज यहां भारत और पाकिस्तान में खिलाडिय़ों के संघों की गैर मौजूदगी पर ‘बड़ी चिंता’ जताई। खिलाडिय़ों का संघों की गठन की बात सर्वोच्च न्यायाल द्वारा नियुक्त लोढा समिति द्वारा की सिफारिशों में से भी एक है ताकि क्रिकेटरों को ‘‘अपनी चिंताओं को उठाने के लिए एक मंच मिल सके।’’

इसमें हालांकि उन्हें ‘‘किसी भी प्रकार का ट्रेड यूनियन’’ नहीं बनाने की हिदायत दी गई है। फिका के एक सदस्य ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश भारत और पाकिस्तान में कोई सक्रिय खिलाड़ी संघ नहीं है। यह निश्चित रूप से एक बड़ी चिंता की बात है। लोढा आयोग ने पहले से ही एक संगठन बनाने के बारे में कहा है। हम उनसे तभी बात करेंगे जब वे एक संघ बनायेंगे। यह भारत के खिलाडिय़ों पर निर्भर करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत निश्चित रूप से क्रिकेट में एक प्रभावशाली देश है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग इस खेल का अनुसरण करते है। आईसीसी में 12 पूर्ण सदस्य देश है। आईसीसी के निर्णयों में वास्तव में भारत का प्रभाव रहता है।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेटरों के साथ काफी स्टारडम जुड़ा हुआ है और उनमें बीसीसीआई के साथ सौदा करने के लिए पर्याप्त शक्ति हैं। खिलाडिय़ों के संघ बनाने में देरी के कारणों में से यह भी एक कारण है।       

यह स्पष्ट करते हुए कि वे एजेंट के रूप में काम नहीं करते हैं, अधिकारी ने कहा: हम सामूहिक रूप से काम करते है। व्यक्तिगत क्रिकेटर के अधिकार की बात नहीं करते। हम व्यक्तिगत एजेंट नहीं हैं।’’ आईसीसी के पहली दिन की बैठक में महिला क्रिकेट समिति की बैठक और महिला क्रिकेट मंच भी था। दिन के सत्र में भारतीय टीम की कप्तान मिताली राज ने भी विशेष आमंत्रित के रूप में भाग लिया था। आईसीसी के एक अधिकारी ने कहा, वह बैठक के दौरान वह संक्षिप्त समय के लिए यहां थीं। उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें मैच फिक्सिंग के किसी भी मामले का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अब तक नहीं।’’