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जालन्धर, (जसमीत सिंह) : टैनिस जगत में 2018 साल जहां दिग्गज प्लेयर्स चोटों से परेशान रहे। वहीं, यंग प्लेयर्स ने इसका फायदा उठाते हुए रैंकिंग में अच्छी-खासी छलांग लगाई। अपना 100वां एकल खिताब जीतने की कागार पर खड़े रोजर फैडरर, नोवाक जेकोविच, राफेल नडाल, एंडी मुर्रे, 3 बार के ग्रैंड स्लैम चैम्पियन स्टैन वांवरिका भी इससे परेशान दिखे। महिलाओं में गारबायिन मुगुरुजा और मारिया शाराशोपा भी चोट के कारण सारा साल अंदर-बाहर होती रही। स्टार्स टैनिस प्लेयर्स के चोटिल होने के चलते डोमिनिक थिम, ग्रोगोर डिमिट्रोव और अलैक्जैंडर जेवरव जैसे नए प्लेयर्स टैनिस रैंकिंग में टॉप-10 में पहुंचने में सफल हो गए।

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स्टार्स प्लेयर्स के बाहर होने का  युवा प्लेयर्स ने जमकर फायदा उठाया। कई ऐसे प्लेयर्स आए जिन्होंने टॉप रैंकिंग पायदानों पर कब्जा जमाया। जापान की नाओमी ओसाका, दक्षिण कोरिया के ह्यूग चुंग ग्रैंड स्लैम में बढिय़ा प्रदर्शन के चलते वाहवाही लूटने में सफल रहे। वहीं, बढ़ती गर्मी से की ऑस्ट्रेलियन ओपन और यू.एस. ओपन में नामी खिलाड़ी तक शिकायत लगाते दिखे। ऑस्ट्रेलियन ओपन में जहां एक प्लेयर ने मैच पोस्टपोन करने की बात कही तो वहीं, यू.एस. ओपन में सॢबयाई स्टार नोवाक जेकोविच द्वारा मैच दौरान टी-शर्ट उतारकर पसीना पोंछने का वाक्या खूब चर्चा में रहा। 

अब इन सितारों पर रहेगी नजर
नाओमी ओसाका :
जापान की नाओमी ओसाका सारा साल चर्चा में रही। यू.एस. ओपन में सेरेना विलियम्स को हराने वाली नाओमी ने 2018 का ब्रेकथ्रू स्टार इन टैनिस अवॉर्ड तो जीता ही साथ ही पूमा कंपनी के साथ बड़ी डील भी की। 21 साल की नाओमी अभी डब्लयू.टी.ए. रैंकिंग में 5वें स्थान पर है। यू.एस. ओपन टाइटल जीतने के बाद ओसाका ने इंडियन वैल्स ओपन में भी शानदार प्रदर्शन किया।
ह्यूग चुंग : साऊथ कोरिया के टैनिस प्लेयर ह्यूग चुंग ऑस्ट्रेलियन ओपन के सैमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रहे। यह चुंग की परफार्मेंस ही थी कि वह टैनिस रैंकिंग में एक झटके से ही 58वें से 23वें स्थान पर पहुंच गए।
कैली एडमुंड : ब्रिटेन के टैनिस प्लेयर कैली एडमुंड ने ऑस्ट्रेलियन ओपन में  क्रोएशिया के मारिन सिलिक को जोरदार टक्कर दी थी। इसका फायदा उन्हें 50वें से 16वें स्थान पर आकर मिला।

सबसे विवादित रहा सेरेना का कमबैक

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मां बनने के बाद कोर्ट पर लौटी सेरेना का कमबैक अच्छा नहीं रहा। शुरुआती 2-3 टूनामैंट में वह लय ही नहीं हासिल कर पाई। आखिर यू.एस. ओपन में जब वह लय में लौटीं तो जापान की नाओमी ओसाका से हार गई। मैच दौरान सेरेना चेयर अंपायर कार्लोस रामोस पर भड़क गई थी। उन्होंने अंपायर को चोर तक कह दिया था।
मारिया शारापोवा : डोप के कारण बैन होने के बाद वापसी कर रही रूसी सुंदर मारिया शारापोवा से टैनिस प्रेमिकों को खूब उम्म्ीदें थीं लेकिन उन्होंने निराश किया। 

बड़ी कसक : फैडरर अपना 100वां टाइटल नहीं जीत पाए हैं। इस बीच वह स्विटजरलैंड का प्रतिष्ठित स्पोटर््समैन ऑफ द ईयर अवॉर्ड भी नहीं जीत सके।

भारत के लिए चिंता भी बढ़ी, पेस का विकल्प नहीं मिला 
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भारतीय टैनिस पिछले कुछ समय से चली आ रही कम स्तरीय प्रदर्शन से उभर नहीं पाया है। इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 45 साल के लिएंडर पेस अब भी भारत के सबसे बड़े खिलाड़ी हैं और उन्होंने इस साल भी खिताब जीते और संन्यास लेने का कोई संकेत नहीं दिया। उनके इतने लंबे समय तक खेलने से भारतीय टैनिस में गहराई की कमी भी साफ दिखाई देती है। ऐसा नहीं है कि युवा खिलाडिय़ों ने आगे कदम नहीं बढ़ाए, वे आगे बढ़े परन्तु कोई भी सॢकट में धमाल मचाने का कारनामा नहीं कर सका।  

07 भारतीय खिलाड़ी साल की शुरुआत में टॉप-100 में थे। साल के अंत तक इनकी गिणती घटकर 5 रह गई।

भारत के नाम सिर्फ एक उपलब्धि
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इंडिया की तरफ ग्रैंड स्लैम की सिर्फ एक ही उपलब्धि रही। ऑस्ट्रेलियन ओपन के दौरान मिक्सड डबल कैटेगिरी में भारत के रोहन बोपाना ने हंगरी के टीमिया बाबोस के साथ फाइनल में पहुंचे थे। लेकिन यहां भी वह 2-6, 6-4, 11-9 से हार गए।

कॉमनवैल्थ गेम्स : भारतीय टीम को निराशा हाथ लगी क्योंकि गेम्स में टैनिस इवैंट रखा ही नहीं गया था।
01 गोल्ड तो 2 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए भारत ने एशियन गेम्स में 
-लॉन टेनिस में भारत को रोहन बोपन्ना और दिविज सहारन ने सफलता दिलाई। मैंस डब्लस मुकाबले में दोनों ने भारत के लिए गोल्ड मैडल जीता।
-प्रजेश गुणेश्वर्ण ने भी लॉन टैनिस के मैंस सिंगल इवैंट में भारत के लिए ब्रॉन्ज मैडल जीता।

चर्चा में रहीं सानिया मिर्जा 
Tennis in 2018 Review

महिलाओं के सॢकट में सानिया मिर्जा मातृत्व अवकाश पर थीं और साल के अंत में उन्होंने बेटे को जन्म दिया। वह अगले साल वापसी की तैयारी कर रही हैं।

उभरते सितारे : अंकित रैणा ने किया प्रभावित

Tennis in 2018 Review
अंकित रैणा : महिला टैनिस प्लेयर ने भी उम्मीदें जगाईं। अनुभवी सानिया मिर्जा की गैरमौजूदगी में अंकिता ने लॉन टैनिस के वुमैंस सिंगल इवैंट में भारत के लिए ब्रॉन्ज मैडल जीता।

जीवन नेदुचेझियान : चैलेंजर सॢकट में 9 फाइनल्स खेलकर 4में जीत दर्ज करने वाले जीवन इस साल प्रशंसा के पात्र बने। वह ए.टी.पी. 250 स्तर पर दूसरा खिताब जीतने के करीब भी पहुंचे लेकिन चेंग्डू ओपन के फाइनल में हार गए।

प्रज्नेश गुणेश्वरन : करियर को खत्म करने वाले घुटने के स्ट्रेस फ्रैक्चर के बावजूद सारी बाधाओं को पार करते हुए प्रज्रेश ने साल की शुरूआत 243वीं रैंकिंग से करते हुए 107वीं रैंकिंग तक खत्म की। वह देश के नंबर वन खिलाड़ी हैं। करमन थांडी ने भी दिखाया कि वह महिला सॢकट के भविष्य में से एक हैं।