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स्पोर्ट्स डेस्क: भारत की पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने सुल्तान अज़लान शाह कप (23 नवंबर से) के लिए बड़े खिलाड़ियों को आराम देने के फैसले पर स्पष्ट किया कि इसका मकसद है युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव देना और वरिष्ठ खिलाड़ियों को 2026 के बेहद महत्वपूर्ण साल से पहले तरोताज़ा रखना।

भारत ने इस टूर्नामेंट के लिए संजय को कप्तान बनाया है। टीम में कई दिग्गज जैसे हरमनप्रीत सिंह, जर्मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, और मनदीप सिंह शामिल नहीं हैं।

फुल्टन ने ANI से बातचीत में कहा, 'इंडिया A टीम चीन और यूरोप टूर से लौटी है। उन्हीं खिलाड़ियों को टूर्नामेंट एक्सपोजर देना जरूरी है ताकि देखा जा सके कि वे बड़े मंच पर कैसा प्रदर्शन करते हैं।'

उन्होंने बताया कि टीम ने हाल ही में तीन हफ्ते का सफल कैंप किया है और U-21 टीम के खिलाफ दो मैच भी खेले हैं।

संजय को कप्तानी क्यों?

फुल्टन ने कहा कि संजय पहले तीन टूर में इंडिया A के कप्तान रह चुके हैं। 'युवा खिलाड़ियों में लीडरशिप स्किल विकसित करना जरूरी है। जितने ज्यादा लीडर होंगे, उतना हमें बड़े टूर्नामेंट में फायदा मिलेगा।'

2026 भारत के लिए क्यों बड़ा साल?

फुल्टन ने बताया कि वरिष्ठ खिलाड़ियों को आराम देने का सबसे बड़ा कारण है 2026 का व्यस्त और महत्वपूर्ण कैलेंडर, जिसमें शामिल हैं: FIH हॉकी वर्ल्ड कप, एशियन गेम्स (लॉस एंजिलिस 2028 ओलंपिक क्वालिफायर)। उन्होंने कहा: 'हमने इस साल एशिया कप जीतकर अगले साल के वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई किया है। 2026 को लेकर हमारे लक्ष्य बड़े हैं।'

भारत की 1975 वर्ल्ड कप जीत—50 साल पूरा होने पर बड़ा लक्ष्य

'1975 के वर्ल्ड कप खिताब को 50 साल पूरे हो रहे हैं। हम फिर से उस स्तर तक पहुंचने और 2026 को भारत के लिए खास बनाने का लक्ष्य रखते हैं।'

फुल्टन का जवाब था, 'आदर्श स्थिति में तो हां, लेकिन यथार्थवादी तौर पर यह बेहद चुनौतीपूर्ण है। फिर भी असंभव नहीं। हमारी टीम किसी भी दिन किसी भी टीम को हरा सकती है।'

उन्होंने कहा कि टीम का ध्यान सिर्फ उन चीजों पर है जिन्हें वे नियंत्रित कर सकते हैं, लगातार अच्छे प्रदर्शन और स्थिरता पर।

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