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नई दिल्लीः भारतीय हाॅकी टीम के मिडफील्डर सरदार सिंह ने एक इंटरव्यू के दाैरान कहा कि उन्होंने जो चैंपियंस ट्राॅफी से सीखा वो उन्होंने अपने 12 साल के करियर में नहीं सीखा। उनका मानना है कि  यह मेरी जिंदगी का नया अनुभव था। वाकई चैंपियंस ट्रॉफी से भारतीय टीम में वापसी हॉकी में मेरा पुनर्जन्म है।

उन्होंने कहा कि हरेन्द्र सिंह के भारतीय पुरुष हॉकी टीम के चीफ कोच संभालने और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम में वापसी से मुझे खुद को साबित करने का नया मौका मिला। चैंपियंस ट्रॉफी में हमारी टीम ने एकजुट होकर दबाव में बड़े मैचों में बेहतर प्रदर्शन किया। कोच के मार्गदर्शन में हमारी टीम के नए और अनुभवी लड़के भी दबाव में बेहतर करना सीख गए।'

टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करना है लक्ष्य
सरदार ने कहा कि हमारी मौजूदा टीम की ताकत एक इकाई के रूप में उसका जुझारू प्रदर्शन है। एशियाई खेलों में हमारी टीम का लक्ष्य और सोच इसमें सिर्फ और सिर्फ स्वर्ण पदक बरकरार रख कर सीधे टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करना है। यह मुश्किल जरूर है लेकिन इसके लिए हमें एशिया की नंबर एक टीम के रूप में मैदान पर खेलना जरूरी है और हमारी टीम इसमें सक्षम है।