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बेंगलुरू : करिश्माई सुनील छेत्री के शानदार प्रदर्शन के बीच दो युवा फुटबॉलरों ने सैफ चैंपियनशिप में भारत के अपने अब तक के अभियान के दौरान प्रभावी प्रदर्शन किया है। सहल अब्दुल समद और महेश सिंह भारतीय फुटबॉल जगत में अपरिचित नाम नहीं हैं लेकिन उन्होंने भारतीय फुटबॉल की विरासत को आगे ले जाने की क्षमता दिखाई है। इन दोनों ने नेपाल के खिलाफ विशेष रूप से अच्छा प्रदर्शन किया जिसे श्री कांतीर्वा स्टेडियम में भारत ने शनिवार रात 2-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। 

नेपाल के डिफेंस ने एक घंटे तक भारत को गोल से महरूम रखा जिसके बाद 61वें मिनट में महेश ने बाएं छोर से मूव बनाया। महेश ने गेंद को सहल की ओर बढ़ाया जिन्होंने उन्हें वापस पास दिया। महेश ने इसके बाद सटीक क्रॉस से गेंद को छेत्री के पास पहुंचाया जिन्होंने गोल करने में कोई गलती नहीं की। भारत के सहायक कोच महेश गवली ने 24 साल के महेश की जमकर तारीफ की। 

गवली ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मुझे लगता है कि महेश का क्रॉस टर्निंग प्वाइंट था। वह भारत का भविष्य का स्टार है। वह स्तरीय खिलाड़ी है और अपने खेल को लेकर काफी जुनूनी है। मुझे लगता है कि वह भविष्य में अच्छा खिलाड़ी बनेगा।' सहल ने भी प्रभावित किया। वह अपने ड्रिब्लिंग कौशल से नेपाल की रक्षा पंक्ति को छकाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन अधिक सफलता नहीं मिल रही थी। गवली ने कहा कि मध्यांतर के समय हुई बातचीत के बाद केरल के 26 साल के सहल ने व्यक्तिगत रवैया बदला। 

पूर्व भारतीय डिफेंडर गवली ने कहा, ‘सहल को निर्देश दिया गया कि वह गेंद को अधिक समय अपने पास नहीं रखे और अधिक ड्रिब्लिंग करके इसे आसानी से विरोधी टीम को नहीं दे। उसने दूसरे हाफ में ऐसा ही किया।' भारत को इस बदलाव का फायदा 70वें मिनट में जब सहल ने नेपाल के डिफेंडर को पछाड़कर गेंद कब्जे में ली। उन्होंने गेंद को छेत्री की ओर बढ़ाया जो इस बार नेपाल के गोलकीपर किरण लिंबू को छकाने में नाकाम रहे। 

महेश ने हालांकि डिफलेक्ट होकर मिली गेंद को गोल में पहुंचा दिया। सहल को हालांकि मलाल रहेगा कि वह पहले हाफ में गोल नहीं दाग सके। सहल और महेश की जोड़ी ने अच्छा मूव बनाया। महेश ने बॉक्स के अंदर सहल को पास दिया लेकिन वह गोल करने में नाकाम रहे।