खेल डैस्क : जोबर्ग सुपर किंग्स के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ अपने कार्यकाल के दौरान एक क्रिकेटर के रूप में सीखे गए सबक को याद करते हुए कहा कि वह बहुत भाग्यशाली थे कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में एमएस धोनी की कप्तानी में खेला। SA20 के दूसरे सीजन से पहले फाफ डु प्लेसिस ने कहा कि उन्होंने सीएसके में पहला सीजन धोनी और मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग को देखते हुए बिताया और सवाल पूछने और उनसे सीखने के मौके का पूरा उपयोग किया।
फाफ डु प्लेसिस 2011 से 2021 तक चेन्नई सुपर किंग्स के साथ रहे। डु प्लेसिस का योगदान केवल उनके बल्लेबाजी आंकड़ों तक सीमित नहीं था; उन्होंने सीएसके की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2021 आईपीएल फाइनल में उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 59 गेंदों पर 86 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी। इसी कारण चेन्नई ने अपना चौथा खिताब जीता था। कई अनुभवी खिलाड़ियों वाली टीम का हिस्सा होने के बावजूद डु प्लेसिस ने अपनी अलग पहचान बनाई। चेन्नई के साथ करीब एक दशक तक उन्होंने बल्ले से महत्वपूर्ण योगदान दिया।
2022 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान के रूप में विराट कोहली की जगह लेने से पहले फाफ डु प्लेसिस सभी प्रारूपों में दक्षिण अफ्रीका के लिए कप्तानी कर चुके थे। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका की टी 20 लीग में सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी के साथ जुड़ गए। नए साल में नए एडिशन के लिए तैयार डु प्लेसिस ने कहा कि सबसे पहले, एक युवा व्यक्ति के रूप में उस ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बनना बहुत अच्छा था। शायद मेरी सबसे बड़ी सीख मेरी शुरुआती यात्रा की शुरुआत में स्टीफन फ्लेमिंग और एमएस धोनी के नेतृत्व में भाग्यशाली होना था। उनसे सीखना बहुत अच्छा था। मेरे पहले सीजन के दौरान, मैं बस बैठा था और सवाल पूछ रहा था और उन्हें देख रहा था।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ने यह भी कहा कि उन्होंने एमएस धोनी को देखकर सीखा कि किसी की कापी करना संभव नहीं होता। एमएस कैप्टन कूल हैं, जैसा कि लोग उन्हें कहते हैं। वह हमेशा दबाव में बहुत शांत रहते हैं। इसलिए यह हमेशा महत्वपूर्ण है कि दबाव में आप तनावमुक्त रहें। इससे गेंदबाजी आक्रमण पर बड़ा फर्क पड़ता है। मैं विशेष रूप से बहुत भाग्यशाली हूं कि उनके नेतृत्व में खेला।