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मुंबई : भारत के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रोबिन उथप्पा (Robin Utthapa) का मानना है कि विदेशी टी20 लीग में खेलने की चाहत रखने वाले संन्यास ले चुके भारतीय क्रिकेटरों के लिए अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) ‘असहज और अनुचित' होगा। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) अनिवार्य ब्रेक पर विचार कर रहा है जिससे कि खिलाड़ियों को संन्यास के तुरंत बाद विदेशी लीग से जुड़ने से रोका जा सके। हालांकि इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।

 

पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) से संन्यास लेने वाले उथप्पा हाल में जिंबाब्वे में टी10 लीग का हिस्सा थे। उन्होंने यूएई में आईएलटी20 (ILT20) में भी हिस्सा लिया। उथप्पा ने कहा कि मुझे लगता है कि इसे लेकर असहज होना मानवीय स्वभाव है। हमारे पास बीसीसीआई (BCCI) का केंद्रीय अनुबंध नहीं है, हम अब भारत में क्रिकेट नहीं खेल रहे इसलिए निश्चित तौर पर आप असहज और अनुचित महसूस करोगे।

 

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उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ने निश्चित तौर पर हम सभी का ख्याल रखा है। मुझे यकीन है कि वे जो भी फैसला करेंगे वह बीसीसीआई और खिलाड़ियों के हित में होगा। उथप्पा ने कहा कि कुछ समाधान है जिन पर पहुंचा जा सकता है। अगर संवाद की संभावना है तो हम ऐसा हल निकाल सकते हैं जो सभी के अनुकूल हो।

 

उथप्पा ने कहा कि टीम प्रबंधन और नेतृत्वकर्ता समूह का दृष्टिकोण सबसे छोटे प्रारूप में भारत की किस्मत तय करेगा क्योंकि हार्दिक पंड्या के नेतृत्व में एक नई टीम एक साल से भी कम समय में होने वाले अगले टी20 विश्व कप की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे सामने अधिकता की समस्या है। देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए पर्याप्त लोग हैं, स्तर वास्तव में उच्च है। कभी-कभी जब आपके पास स्तरीय खिलाड़ी होते हैं तो आपको सिरदर्द हो सकता है जो कई अन्य देशों के साथ नहीं है।

 

उथप्पा ने कहा कि यह इस पर निर्भर करता है कि हम टीम प्रबंधन के रूप में कैसे आगे बढ़ने का फैसला करते हैं और टीम के नेतृत्व समूह का दृष्टिकोण क्या है, यह आने वाले वर्षों में सबसे छोटे प्रारूप में भारत की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा।