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नई दिल्ली : खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम को एक करोड़ रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की जिसने पहली बार प्रतिष्ठित थॉमस कप का खिताब जीतकर इतिहास रचा। भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने रविवार को थॉमस कप के फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराया। 

ठाकुर ने बयान में कहा कि मलेशिया, डेनमार्क और इंडोनेशिया के खिलाफ प्ले आफ में लगातार मुकाबलों में जीत की भारत की असाधारण उपलब्धि नियमों में छूट की हकदार है। मैं गर्व के साथ उस टीम को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा करता हूं जिसने भारतीयों को इस सप्ताहांत खुशी के पल दिए। ठाकुर ने इस एतिहासिक जीत के लिए भारतीय टीम के खिलाड़ियों, कोच और सहयोगी स्टाफ को बधाई थी। 

उन्होंने कहा कि किदांबी श्रीकांत और एचएस प्रणय ने जब भी कोर्ट पर कदम रखा तो जीत दर्ज की। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की युगल जोड़ी ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए छह में से पांच मैच में महत्वपूर्ण अंक जुटाए जिसमें तीन मुकाबले नॉकआउट चरण के रहे। लक्ष्य सेन ने इंडोनेशिया के खिलाफ पहला मैच जीतकर अपना जज्बा दिखाया। मुझे यकीन है कि एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला तथा कृष्ण प्रसाद गारगा और विष्णुवर्धन गौड़ पंजाला की पुरुष युगल जोड़ी और प्रियांशु राजावत को इस एतिहासिक अभियान का हिस्सा बनकर काफी फायदा हुआ होगा।

खेल मंत्रालय ने कहा कि उसने खिलाड़ियों को ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं में खेलने का समर्थन करके इस अभूतपूर्व सफलता में योगदान दिया है। जनवरी में 10 हफ्ते के राष्ट्रीय शिविर से खिलाड़ियों के फिटनेस स्तर में सुधार में मदद मिली। युगल खिलाड़ियों की सहायता के लिए कोच के रूप में मथियास बो को जोड़ना भी महत्वपूर्ण रहा।

इसमें कहा गया कि पिछले चार साल में मंत्रालय ने भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने पर 67 करोड़ 19 लाख रुपए खर्च किए हैं जिसमें विदेशी और भारतीय कोच का वेतन भी शामिल है। बयान के अनुसार कि पिछले साल मंत्रालय ने 14 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के हिस्सा लेने का खर्चा उठाया जिस पर चार करोड़ 50 लाख रुपए खर्च हुए।