कराची : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पहली बार मौजूदा चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान दीर्घाओं , वीआईपी क्षेत्र या हास्पिटेलिटी बॉक्स के लिए कोई मुफ्त पास नहीं देने का फैसला किया है। आम तौर पर पाकिस्तान में जब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट होता है तो पीसीबी मीडिया, सरकारी महकमों, वीआईपी या प्रायोजकों के लिए मुफ्त पास के तौर पर टिकट रखता है। इस बार पीसीबी अध्यक्ष के निजी मेहमानों और प्रायोजकों के लिए कुछ टिकट को छोड़कर कोई कोटा या मुफ्त पास नहीं रखे गए हैं। चैम्पियंस ट्रॉफी के टिकटों की प्रक्रिया से जुड़े आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी दी।
सूत्र ने कहा कि पीसीबी अधिकारियों पर भारी दबाव है क्योंकि मुफ्त पास पाने के आदी लोग उनसे बार बार मांग रहे हैं लेकिन उन्हें कहा जा रहा है कि चूंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के पास टूर्नामेंट के टिकटों का जिम्मा है तो कोई मुफ्त पास नहीं दिया जाएगा। सूत्र ने कहा कि सरकारी महकमों और अति विशिष्ट व्यक्तियों को यह समझाना बहुत मुश्किल हो रहा है जो मैचों के आयोजन के लॉजिस्टिक पहलू से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि 2004 में जब भारतीय टीम 14 साल बाद पाकिस्तान आई थी तब टिकटों की भारी मांग थी और तत्कालीन पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान ने शुरू में मुफ्त पास नहीं बांटने का ऐलान किया था लेकिन बाद में दबाव के कारण फैसला बदलना पड़ा था।
बता दें कि चैंपियंस ट्रॉफी में दर्शकों के बीच सबसे ज्यादा क्रेज भारत और पाकिस्तान के मैच को लेकर है। यह मुकाबला पाकिस्तान की बजाय दुबई में खेला जाना है। चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में भारत और पाकिस्तान का 5 बार आमना-सामना हुआ है, जिसमें पाकिस्तान 3-2 से मामूली बढ़त पर है। उनका आखिरी मुकाबला 2017 के फाइनल में था, जहां पाकिस्तान ने 180 रनों से जीत हासिल कर खिताब जीता था। भारत की जीत 2013 (8 विकेट से) और 2006 (4 विकेट से) में हुई, जबकि पाकिस्तान ने 2004 (3 विकेट से) और 2009 (54 रन से) में जीत हासिल की।