नई दिल्ली : स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को उम्मीद है कि पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतने के बाद वह जल्द ही भारत में अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते दिखेंगे। नीरज ने पेरिस में 89.45 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता जबकि पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर तक भाला फेंककर ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स 88.54 मीटर के थ्रो से तीसरे स्थान पर रहे। स्पर्धा में जूलियन वेबर, याकूब वाडलेच और जूलियस येगो जैसे कुछ शीर्ष खिलाड़ी भी प्रतिस्पर्धा कर रहे थे।
भारत के खेलना सपना
नीरज ने कहा कि भारत में अन्य अंतरराष्ट्रीय सितारों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मेरा सपना है। उम्मीद है कि भारत में जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता होगी और मैं ऐसा कर पाऊंगा। तोक्यो में स्वर्ण के बाद पेरिस में रजत पदक के साथ लगातार दूसरा ओलंपिक पदक जीतने वाले नीरज ने कहा कि वह अपने खेल के कुछ क्षेत्रों पर काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं अब एक नए सत्र में प्रवेश कर रहा हूं इसलिए मेरे पास ट्रेनिंग विधियों या तकनीक को बदलने के लिए इतना समय नहीं है। मुझे कुछ क्षेत्रों में सुधार करने की उम्मीद है, खासकर भाला फेंकने की लाइन में। नीरज ने कहा कि भाला फेंकने का सही कोण ताकि मुझे अपने थ्रो में अधिक शक्ति मिले। मैं निश्चित रूप से इस पर काम करूंगा। इस भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि पेरिस खेलों में शारीरिक रूप से सर्वश्रेष्ठ स्थिति में नहीं होने के बावजूद वह फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते थे। उन्होंने कहा कि शरीर काफी अच्छी स्थिति में नहीं था। लेकिन जब अरशद ने वह थ्रो किया...मैं अपना सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाया क्योंकि मेरे दिमाग में यह विचार था कि मुझे सर्वश्रेष्ठ थ्रो करना है क्योंकि प्रतिस्पर्धा पहले से ही बहुत कठिन हो गई थी।
अपनी मां पर
नीरज और नदीम की माताएं एक-दूसरे के बेटे पर स्नेह बरसाकर सोशल मीडिया पर छा गईं। नीरज ने कहा कि उनकी मां हमेशा अपने दिल से बात करती हैं। उन्होंने कहा कि मेरी मां...वह अपनी शादी से पहले और बाद में हमेशा एक गांव में रहीं। वह सोशल मीडिया और इस तरह की चीजों से परिचित नहीं हैं। वह अक्सर अपने दिल से बात करती हैं। लेकिन वह समझती हैं कि खिलाड़ियों के परिवार, यहां तक कि अलग-अलग देशों के लोग भी उनके प्रति क्या महसूस करते हैं।
मनु भाकर पर
नीरज ने तोक्यो खेलों में निराशा का सामना करने के बाद पेरिस खेलों में दो कांस्य पदक जीतकर दृढ़ता दिखाने के लिए निशानेबाज मनु भाकर की सराहना की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मनु भाकर ने अपने दिमाग को तैयार किया और तोक्यो में मिली असफलता से उबरी, वह प्रभावशाली है। लगातार दो प्रतियोगिताओं में भाग लेने के दौरान उनकी मानसिकता इस बार बहुत मजबूत दिखी। मुझे लगता है कि यह उनके लिए सिर्फ एक शुरुआत है क्योंकि मैंने देखा कि 50 से अधिक उम्र के लोग भी निशानेबाजी में भाग ले रहे थे। नीरज ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मनु और भी कई प्रतियोगिताओं में खेलेगी, देश के लिए और भी कई पदक लाएगी और पदक का रंग भी बदलेगी।
पीआर श्रीजेश पर
इस 26 वर्षीय खिलाड़ी ने भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश की भी प्रशंसा की जिन्होंने पेरिस में कांस्य पदक के साथ अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास ले लिया। नीरज ने कहा, ‘‘श्रीजेश बहुत ही शांत और मजाकिया व्यक्ति हैं। वह युवा खिलाड़ियों को बहुत प्रेरित करते हैं। श्रीजेश भाई ने कहा था कि वह ओलंपिक के बाद संन्यास ले लेंगे। मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को भी लगा कि टीम के लिए इतने सारे बेहतरीन काम करने के बाद उन्हें श्रीजेश भाई के लिए जीत दर्ज करनी चाहिए। नीरज ने कहा कि दबाव की स्थितियों से निपटने में श्रीजेश एक बेहतरीन उदाहरण पेश करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास इतने वर्षों का अनुभव है और वह जानते हैं कि दबाव की स्थितियों से कैसे निपटना है। जब मैं कांस्य पदक मैच से पहले उनसे मिला था तो वह तैयार लग रहे थे।