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मैड्रिड : एक दिवसीय क्रिकेट की प्रासंगिकता पर छिड़ी बहस के बीच आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने कहा है कि इस प्रारूप का महत्व कभी खत्म नहीं होगा क्योंकि विश्व कप क्रिकेट का ओलंपिक है। लॉरेस विश्व खेल पुरस्कार से इतर यहां चुनिंदा मीडिया से बातचीत में वॉ ने कहा कि छोटे प्रारूपों के दबाव के बावजूद वनडे क्रिकेट बना रहेगा और यह 2023 विश्व कप की ‘व्यूअरशिप‘ से साबित है। उन्होंने कहा कि हर किसी को लगता है कि वनडे क्रिकेट नहीं बचेगा लेकिन विश्व कप है ना जिसकी रेटिंग काफी ऊंची है और उसे लोग पसंद करते हैं। विश्व कप के बाद फिर इसमें रूचि कम हो जाती है और फिर बढ़ती है। यही हालात रहते हैं।


वॉ ने कहा कि हम इस समय तीनों प्रारूपों में जैसे तैसे संतुलन देख रहे हैं। फिर टी10 का भी दबाव है जिससे चार प्रारूप हो सकते हैं। पता नहीं कैसे चलेगा लेकिन अभी तो चल रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व कप वनडे क्रिकेट के लिए अहम है। यह ओलंपिक की ही तरह है। हर चार साल में विश्व कप खेलना। लॉस एंजिलिस में 2028 में होने वाले ओलंपिक में सौ से अधिक साल बाद क्रिकेट की वापसी होगी।


सभी टेस्ट खिलाड़ियों के लिए समान मैच फीस की वकालत करते हुए वॉ ने कहा कि टेस्ट मैच खेलने वाले हर खिलाड़ी को समान पैसा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी कोई नहीं सुनता लेकिन मैंने 1999 में एक लेख में यह बात कही थी। टेस्ट मैच में मैच फीस समान होनी चाहिए। विश्व क्रिकेटर्स संघ के एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि वैश्विक क्रिकेट राजस्व का 38.5 प्रतिशत बीसीसीआई को मिलता है। इसमें व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम पर भी बात की गई है जिससे खिलाड़ियों का कार्यभार प्रबंधन मुश्किल हो रहा है।

सिर्फ आईपीएल को विंडो मिलने की बात पर वॉ ने कहा कि विश्व क्रिकेट बीसीसीआई चलाता है और यही वजह है कि उनके पास विंडो है। वॉ ने भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की तारीफ की लेकिन कहा कि भारत के बाकी तेज गेंदबाजों का उसी मानदंड से आकलन करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि बुमराह इस दौर के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से है।