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लंदन : इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन ने भारतीय बल्लेबाज और कप्तान रोहित शर्मा के टेस्ट करियर का आकलन करते हुए कहा कि उनके आंकड़े उन्हें एक सफल, लेकिन "पूरी तरह से शानदार नहीं" खिलाड़ी बनाते हैं। यह बयान रोहित के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के बाद आया। रोहित ने 7 मई को 11 साल और 67 टेस्ट के करियर के बाद टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। यह घोषणा इंग्लैंड दौरे से पहले हुई, जो 20 जून से भारत के आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025-27 चक्र की शुरुआत करेगा।

एथरटन ने कहा कि रोहित का सर्वश्रेष्ठ प्रारूप वनडे क्रिकेट है, जहां वह सबसे महान सलामी बल्लेबाजों में शुमार हैं। उनका टेस्ट करियर दो हिस्सों में बंटा रहा। लंबे समय तक उन्हें मौका नहीं मिला और अंत में 40 से कुछ ऊपर की औसत और 12 शतकों के साथ यह एक सफल रिकॉर्ड है, लेकिन शानदार नहीं। रोहित ने नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और 67 टेस्ट में 40.57 की औसत से 4,301 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 212 था, जो 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आया। वह भारत के 16वें सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।

 

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उनका टेस्ट करियर 2013 में कोलकाता में वेस्टइंडीज के खिलाफ 177 रनों की पारी के साथ शुरू हुआ। शुरुआती सालों में, खासकर विदेशी दौरों पर, रोहित को लंबे प्रारूप में अपनी जगह पक्की करने में मुश्किल हुई। 2013-18 तक, उन्होंने 27 टेस्ट में 39.63 की औसत से 1,585 रन बनाए, जिसमें तीन शतक और 10 अर्धशतक थे। दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया (SENA) जैसे देशों में उनकी बल्लेबाजी संघर्ष करती रही। डब्ल्यूटीसी के 40 टेस्ट में उन्होंने 41.15 की औसत से 2,716 रन बनाए, जिसमें 9 शतक और 8 अर्धशतक शामिल हैं। 

एथरटन ने रोहित के संन्यास पर सवाल उठाया कि क्या यह उनका अपना फैसला था या खराब फॉर्म के कारण चयनकर्ताओं का दबाव था। रोहित ने अपने आखिरी आठ टेस्ट में केवल 164 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक शामिल था। एथरटन ने कहा कि रोहित की घोषणा से एक दिन पहले खबर थी कि चयनकर्ता आगे बढ़ने का फैसला कर चुके हैं। यह अटकलें हैं, लेकिन संन्यास का फैसला आश्चर्यजनक नहीं था। कप्तान के तौर पर हार और खराब फॉर्म का संयोजन घातक होता है। 
रोहित की कप्तानी में भारत ने हाल के 6 में से 5 टेस्ट हारे, जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 2 हार शामिल हैं। एथरटन ने निष्कर्ष निकाला कि यह किसी भी कप्तान के लिए मुश्किल स्थिति है।