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बेंगलुरू: राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) बेंगलुरू में दलीप ट्राॅफी के अगले मैच के दौरान भारतीय क्रिकेट बोर्ड से पंजीकृत खिलाड़ियों का परीक्षण शुरू कर देगा। नाडा ने प्रमुख डोप नियंत्रण अधिकारियों (डीसीओ) के रूप में योग्य चिकित्सकों को रखने की बीसीसीआई की मांग स्वीकार कर ली है।

हाल में बीसीसीआई के महाप्रबंधक (क्रिकेट परिचालन) सबा करीम और डोपिंग रोधी इकाई के प्रमुख डा अभिजीत साल्वी ने नाडा के वरिष्ठ अधिकारियों से आगे की रणनीति पर चर्चा के लिये मुलाकात की जिसमें महानिदेशक नवीन अग्रवाल शामिल थे। नाडा ने बैठक के बाद कहा, ‘हम यह भागीदारी जल्द से जल्द दलीप ट्राॅफी से ही शुरू करने की उम्मीद कर रहे हैं।' नाडा हालांकि बेंगलुरू में इंडिया ब्लू और इंडिया ग्रीन टीमों के बीच चल रहे शुरूआती मैच में किसी खिलाड़ी की जांच नहीं करेगी। हालांकि ऐसी संभावना है कि कुछ परीक्षण 23 अगस्त से शुरू होने वाले अगले मैच में किए जाए। बीसीसीआई ने सत्र के घरेलू मैचों के पूर्ण कार्यक्रम की सूची सौंप दी है जिसमें तारीख और स्थल शामिल हैं ताकि नाडा अपने परीक्षण के लिए क्रिकेट कार्यक्रम तैयार कर सके। 

साल्वी ने कहा, ‘दलीप ट्राॅफी पहले ही शुरू हो चुकी है और शायद वे आगे के मैचों के लिए आएं। उन्होंने इसका जिक्र नहीं किया है कि वे किस तरह का परीक्षण (औचक या निर्धारित समय पर) करेंगे। उम्मीद है कि वे मैच के दिनों (टूर्नामेंट के दौरान) में कुछ परीक्षण करेंगे। बीसीसीआई के डोपिंग रोधी अधिकारी ने उच्च मानक सुनिश्चित करने के लिये ‘अतिरिक्त भुगतान' की बात पर कहा, ‘हमारी मुख्य चिंता डोप नियंत्रण अधिकारियों की योग्यता पर और मामलों के निपटारे के लिए लिया जाने वाला समय थी। नाडा ने हमें दोनों के बारे में आश्वस्त किया है। हमने अनुरोध किया था कि बीसीसीआई के लिए जो डोप नियंत्रण अधिकारी नियुक्त किये जायें, वे मान्यता प्राप्त चिकित्सक (एमबीबीएस) हों जिन्हें डोपिंग के संबंध में जानकारी हो।' डीसीओ अगर डाक्टर होगा तो इसमें अतिरिक्त भुगतान होगा और बीसीसीआई इसका भुगतान करेगा जो मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने स्पष्ट कर दिया है।