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नई दिल्ली : उदीयमान प्रथम श्रेणी क्रिकेटर इमरान खान जब अपने छोटे भाई मोहसिन को मार्गदर्शन के लिए बदरूद्दीन सिद्दीकी के पास लेकर गए तो कोच को समझ में नहीं आया कि मुरादाबाद के सम्बल इलाके के इस दुबले और नाटे लड़के को वह क्या सिखाएं। चार मैचों में आठ विकेट लेकर वही मोहसिन इंडियन प्रीमियर लीग जैसे टूर्नामेंट में अब जाना माना नाम बन चुका है। बदरूद्दीन उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर के जाने माने कोचों में से हैं जिन्होंने मोहम्मद शमी को उनके शुरूआती दिनों में क्रिकेट का ककहरा सिखाया था।

बदरूद्दीन ने कहा कि एक दशक पहले मोहसिन का बड़ा भाई इमरान मेरी अकादमी में आता था। उस समय तक शमी कोलकाता चला गया था और रणजी ट्रॉफी खेलता था। इमरान ने मुझे बताया कि उसका छोटा भाई क्रिकेट खेलना चाहता है और क्या वह उसे अभ्यास के लिए ला सकता है। शुरूआत में मोहसिन 13 वर्ष के अन्य लड़कों की तरह था जो कभी कभी बातें अनसुनी भी कर देता था। उस उम्र के बच्चे वैसे ही होते हैं। अचानक गेंदबाजी करते हुए वह बल्ला उठा लेता था। मुझसे बहुत डांट खाई लेकिन दस साल पहले उसकी कद काठी देखकर मुझे लगा नहीं था कि वह तेज गेंदबाज बनेगा। 

उन्होंने कहा कि उसका कद एक साल में बढ गया और वह छह फुट लंबा हो गया। उसका खेल भी बहुत निखर गया है और उसने पूरे फोकस के साथ अभ्यास करना शुरू कर दिया। मोहसिन मूल रूप से सफेद गेंद का गेंदबाज था लेकिन कोरोना महामारी के कारण 2020 में पहले लॉकडाउन के बाद उसे अमरोहा में मोहम्मद शमी की रिहायश अकादमी में गेंदबाजी का मौका मिला। शमी के पास अपने शहर में निजी मैदान है जहां उन्होंने टर्फ पिचें लगाई हैं। 

लॉकडाउन के दौरान बदरूद्दीन के साथ वह और उनका छोटा भाई मोहम्मद कैफ और मोहसिन वहां अभ्यास करते थे। बदरूद्दीन ने कहा कि यह काफी छोटा समूह था और मैने मोहसिन को बुलाया ताकि वह शमी को देखकर सीख सके। मैं चाहता था कि शमी भी उसे देखे और कुछ सलाह दे। मुझे लगा कि शमी उससे प्रभावित हुआ है और उसे काफी टिप्स दिए। वह अक्सर मोहसिन के बारे में पूछता था। आपने तो उसकी गेंदबाजी देखी है लेकिन वह इतना ही उम्दा बल्लेबाज भी है।