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नई दिल्ली : तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन चेक गणराज्य के उस्ती नाद लाबेम में आयोजित ग्रां प्री में महिलाओं के 75 किग्रा में चीन की ली कियान से हार गईं और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 

पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी लवलीना को शनिवार देर रात मौजूदा एशियाई खेलों की चैंपियन के खिलाफ अपने अंतिम मुकाबले में 2-3 के विभाजित फैसले से हार का सामना करना पड़ा। विश्व चैम्पियनशिप में तीन स्वर्ण के साथ दो बार की ओलंपिक पदक विजेता कियान ने पिछले साल एशियाई खेलों के फाइनल में भी लवलीना को शिकस्त दी थी। लवलीना ने कहा कि उन्हें इस प्रतियोगिता में भाग लेने से पेरिस ओलंपिक में मदद मिलेगी। 

खेल मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा ‘एक्स' पर पोस्ट वीडियो में इस 26 साल की मुक्केबाज ने कहा, ‘इस प्रतियोगिता में भाग लेना मेरे लिए बहुत अच्छा अनुभव रहा है। जहां तक ​​​​मेरी तैयारी का सवाल है, ओलंपिक से पहले यह टूर्नामेंट मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था। इससे मुझे फायदा होगा। मैं भारतीय मुक्केबाजी महासंघ, टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) और भारत सरकार का शुक्रिया करना चाहूंगी।' 

मांडविया ने इस वीडियो के साथ लवलीना के प्रदर्शन की सराहना करते हुए लिखा, ‘ग्रां प्री 2024 में रजत पदक जीतने के लिए लवलीना को बधाई। उन्होंने शानदार कौशल का प्रदर्शन किया। मुक्केबाजी रिंग में उनकी सफलता आने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है। भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।' 

विश्व मुक्केबाजी के तत्वावधान में आयोजित होने वाले इस टूर्नामेंट में महिलाओं के 75 किग्रा वर्ग में लवलीना और कियान के अलावा रिफ्यूजी मुक्केबाजी टीम की सिंडी नगांबा और इंग्लैंड की चैंटल रीड ने हिस्सा लिया था। इन चार मुक्केबाजों के बीच राउंड रॉबिन प्रारूप में मुकाबला आयोजित किया गया। लवलीना इस दौरान तीन मुकाबलों में से केवल एक जीत हासिल कर पाईं। असम की मुक्केबाज ने नगांबा और कियान से हारने से पहले रीड के खिलाफ जीत दर्ज की थी। वह इस टूर्नामेंट में भाग लेने वाली भारत की इकलौती खिलाड़ी है। 
 

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