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ढाका : पाकिस्तान में हुई टेस्ट श्रृंखला में बांग्लादेश को मिली ऐतिहासक 2-0 की जीत में लिटन दास स्टार खिलाड़ी रहे। उन्होंने भारत के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज पर कहा कि भारत में लाल रंग की ‘एसजी टेस्ट गेंद' का सामना करना टीम के लिए पूरी तरह से अलग होगा जो काफी मुश्किल परीक्षा होगी। लिटन ने पाकिस्तान में 2 टेस्ट में 56 और 138 रन की महत्वपूर्ण पारियां खेली थीं। वह 19 सितंबर से चेन्नई में शुरू होने वाली टेस्ट श्रृंखला के दौरान कप्तान नजमुल हुसैन शांटो, मोमिनुल हक, मुश्फिकुर रहीम, शाकिब अल हसन और युवा शादमान इस्लाम के साथ एक बार फिर बांग्लादेश के बल्लेबाजी लाइन के अहम खिलाड़ी होंगे।


पाकिस्तान में टेस्ट मैच कूकाबुरा गेंद से खेले गए थे जो श्रीलंका, बांग्लादेश, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका द्वारा घरेलू मैदानों पर इस्तेमाल की जाती है। कूकाबुरा की बुनाई इतनी मोटी और उभरी नहीं होती जितनी भारत में बनने वाली ‘एसजी टेस्ट' गेंद की होती है जो रिवर्स स्विंग में मदद कर सकती है। लिटन ने कहा कि भारत में गेंद अलग होगी। उन्होंने कहा कि एसजी गेंद के खिलाफ खेलना थोड़ा मुश्किल होता है। कूकाबूरा गेंद जब पुरानी हो जाती है तो इससे खेलना आसान होता है। उन्होंने कहा कि इससे बेहतर कुछ नहीं है। मुझे नहीं लगता है कि यह दबाव है। हम टेस्ट में सुधार कर रहे हैं, इसलिये हमें इस प्रारूप में थोड़ा और निरंतर होना चाहिए। यही मुख्य चुनौती है।

 


बांग्लादेश के लिए पिछले नौ साल तीनों प्रारूपों में 223 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके लिटन अब विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए काफी अनुभवी हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुझे अब जिम्मेदारी उठानी होगी। यह सही समय है। मैं पिछले 10 साल से खेल रहा हूं तो थोड़ा अनुभवी हो चुका हूं। मैं कुछ गेंदों पर रन जुटाने की कोशिश करूंगा जिन्हें मुझे लगता है कि मैं हिट कर सकता हूं। इन दिनों रन बनाना ज्यादा अहम है। मुझे लगता है कि मैं उसी तरीके से बल्लेबाजी करता हूं जिस तरह से ज्यादातर बल्लेबाज खेलते हैं।


हाल के दिनों में उन्हें निचले क्रम में बल्लेबाजी करने का भी काफी अनुभव हो चुका है। उन्होंने कहा कि मैं आमतौर पर मेहदी हसन मिराज के साथ बल्लेबाजी करता हूं। कभी कभार मैं शाकिब भाई (शाकिब अल हसन) या मुश्फिक भाई (मुश्फिकुर रहीम) के साथ भी बल्लेबाजी करता हूं। अगर मैं अपने शॉट नहीं खेल पाऊंगा तो स्कोर आगे नहीं बढ़ेगा। मैं इसी तरह से खेलना चाहता हूं। मैं उसी तरह से खेलने की कोशिश करूंगा जिस तरह से मैं ट्रेनिंग में बल्लेबाजी करता हूं।