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मुंबई : जम्मू कश्मीर के कप्तान पारस डोगरा ने गत चैम्पियन मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में अंपायरिंग के स्तर पर निराशा जताते हुए कहा कि मैच अधिकारियों को और चौकन्ना रहना चाहिए था। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 140 मैच खेल चुके 40 वर्ष के डोगरा ने कहा कि ऐसा कई सालों से चला आ रहा है। दूसरे दिन आईसीसी एलीट पैनल से बाहर किए गए अंपायर सुंदरम रवि मुंबई की पारी के दौरान श्रेयस अय्यर के बल्ले से गेंद टकराने की आवाज नहीं सुन सके जबकि वह सभी ने सुनी। उन्होंने मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे को विकेट के पीछे कैच आउट करार दिया। रहाणे सीमारेखा तक पहुंच चुके थे जब उन्हें वापिस बुलाया गया।

 


रवि ने उमर नजीर की गेंद को नोबॉल करार दिया लेकिन इस बार उनकी गलती सुधारने के लिए रिप्ले नहीं था। डोगरा ने कहा कि क्या कहा जाए। यह सालों से चला आ रहा है और कुछ किया नहीं जा सकता। अंपायर भी इंसान है और उनसे गलती हो सकती है। अगर वे थोड़े चौकन्ने रहते तो मजा आता है। उन्होंने कहा कि यह खेल का हिस्सा है। यही वजह है कि डीआरएस है। यहां भी डीआरएस होता तो अच्छा रहता लेकिन कुछ किया नहीं जा सकता क्योंकि एक साथ 10-15 मैच हो रहे हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

 


मैच की बात करें तो मुंबई के हरफनमौला खिलाड़ी शार्दुल ठाकुर ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के खिलाफ अपना दूसरा प्रथम श्रेणी शतक जड़कर टीम को संकट से उबारा। दाएं हाथ के इस धाकड़ बल्लेबाज ने मुंबई के बीकेसी ग्राउंड में महज 105 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। शार्दुल की पारी में 17 चौके शामिल रहे। 33 साल के शार्दुल जब दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए आए तो मुंबई का स्कोर 91/6 था। रोहित शर्मा, यशस्वी जयसवाल, अजिंक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर जैसे सितारे ज्यादा रन नहीं बना पाए। ऐसे समय में शार्दुल का बल्ला चला और उन्होंने शतक जड़ा। फिलहाल मुंबई के पास 188 रन की बढ़त है। शार्दुल के साथ तनुष कोटियान 58 रन बनाकर डटे हुए हैं।