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नई दिल्ली : भारत के चोटी के पिस्टल निशानेबाज अंकित तोमर को ‘अपने साथी निशानेबाज के साथ मामूली झड़प' के कारण टीम की रवानगी से एक सप्ताह पहले बाकू में चल रही आईएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप के भारतीय दल से हटा दिया गया था। उनके पिता ने रविवार को यह जानकारी दी। देश के प्रमुख सेंटर फायर पिस्टल निशानेबाज 21 वर्षीय तोमर को सात अगस्त को तब इस बारे में पता चला जब उन्होंने देखा कि अजरबैजान के बाकू शहर को रवाना होने वाले निशानेबाजों की सूची में उनका नाम नहीं है। विश्व चैंपियनशिप 14 अगस्त को शुरू हुई थी और यह एक सितंबर तक चलेगी। 

तोमर को जुलाई में दक्षिण कोरिया के चांगवोन में आईएसएसएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप के दौरान ‘मामूली झड़प' का खामियाजा भुगतना पड़ा। सोनीपत के रहने वाले इस निशानेबाज ने जूनियर चैंपियनशिप में कमलजीत और संदीप विश्नोई के साथ मिलकर 50 मीटर पिस्टल में टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था। जब तोमर ने प्रतिष्ठित विश्व चैंपियनशिप के लिए सूची में अपना नाम नहीं देखा तो उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) से संपर्क किया तो उन्हें बताया गया, ‘आपको सूचित कर दिया गया है कि जब तक (एनआरएआई) की अनुशासन समिति का अंतिम फैसला नहीं आ जाता तब तक आपको किसी भी प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।' 

तोमर ने एनआरएआई से अनुशासन समिति की सुनवाई जल्द से जल्द करवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा था, ‘यह मेरे भविष्य का सवाल है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि कल फैसला कर लें क्योंकि टीम की रवानगी में बहुत कम समय बचा है।' तोमर ने एनआरएआई के सचिव राजीव भाटिया को भेजे गए ई-मेल में लिखा, ‘मैं बाकू में खेलना चाहता हूं क्योंकि यह मेरे भविष्य से जुड़ा है और मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं। आप मेरा स्कोर देख सकते हैं।' 

एनआरएआई ने इस निशानेबाज को कारण बताओ नोटिस जारी किया लेकिन तोमर के पिता दविंदर कुमार ने कहा कि उनके बेटे को अभी तक सुनवाई के लिए नहीं बुलाया गया है जिससे वह परेशान और निशानेबाजी में अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। दविंदर ने कहा, ‘यह अनुशासनहीनता का मामूली मामला था जिसकी मेरे बेटे को बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है और उसे विश्व चैंपियनशिप की टीम से बाहर कर दिया गया। वह सेंटर फायर पिस्टल में देश का नंबर एक निशानेबाज है और अगर वह जाता तो स्वर्ण पदक जीत सकता था। बाकू में हमने इस स्पर्धा में केवल कांस्य पदक जीता।' 

उन्होंने कहा, ‘जूनियर टीम के साथ गए कोच ने भी अपना पद छोड़ दिया है क्योंकि वह एनआरएआई को यह समझाने का प्रयास कर रहे थे कि यह मामूली घटना थी। वह अभी बच्चे हैं और गलतियां कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें कड़ी सजा दी गई।' संबंधित कोच ने हालांकि इसका खंडन करते हुए कहा, ‘बाकू गए भारतीय दल के कोच की सूची में मेरा नाम नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि एनआरएआई भविष्य में मेरी सेवाएं नहीं लेगा।' 

एनआरएआई के महासचिव सुल्तान सिंह ने तोमर को बाकू जाने वाली टीम से हटाए जाने की पुष्टि करते हुए कहा, ‘भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए अनुशासन बेहद जरूरी है। एक घटना में वे बंदूक लेकर होटल में इधर-उधर दौड़ रहे हैं और होटल में इसका वीडियो रिकॉर्ड किया गया है। बंदूकधारियों को आसपास देखकर होटल के कर्मचारी घबरा गए थे।' तोमर ने भी एनआरएआई को लिखे माफीनामा में इन घटनाओं का जिक्र करके स्पष्ट किया था कि यह मामूली घटनाएं थी।