नई दिल्ली : ड्रैग फ्लिक की ‘मुश्किल कला’ के महारथी माने जाने वाले पूर्व कप्तान संदीप सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय टीम में पेनल्टी कार्नर के कई विशेषज्ञों के उभरने से आने वाले अहम टूर्नामेंटों में भारतीय टीम बेहतर स्थिति में है। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय टीम में हरमनप्रीत सिंह, वरूण कुमार और अमित रोहिदास जैसे बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर हैं। तो वहीं संजय, अरिजीत सिंह हुंदल और सुदीप चिरमाको जैसे जूनियर प्रतिभाशाली खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में जगह मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
संदीप ने कहा कि ड्रैग-फ्लिक मुश्किल कौशल है जिसमें में महारत हासिल करने के लिए कई वर्षों के अभ्यास की जरूरत होती है। यह काफी तकनीकी चीज है, जहां आपको शारीरिक ताकत के साथ आपके हाथ तेज चलने चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्रैग-फ्लिक में विकल्प होने से किसी भी टीम को फायदा होता है और हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास अब टीम में कई पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ हैं। इससे टीम में विविधता आती है। हरमनप्रीत एक विश्व स्तरीय ड्रैग-फ्लिकर है।
अपने समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकरों में शामिल संदीप ने कहा कि मनप्रीत की अगुवाई वाली मौजूदा टीम के पास बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (सी.डब्ल्यू.जी.) में स्वर्ण पदक का इंतजार खत्म करने का माद्दा है। कुआलालंपुर (1998) राष्ट्रमंडल खेलों में हॉकी को शामिल करने के बाद से ऑस्ट्रेलिया ने सभी 6 स्वर्ण पदक अपने नाम किए है।
भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों और 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतना है। संदीप ने कहा कि भारतीय हॉकी ने काफी विकास किया है। टोक्यो ओलिम्पिक में कांस्य पदक जीत कर टीम ने पुरानी साख को फिर से हासिल किया। उन्होंने कहा कि अगर आप मुझसे पूछे तो मैं मानता हूं कि हम राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीत सकते हैं।