बर्मिंघम : दक्षिण अफ्रीका में जन्मे इंग्लैंड के अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज एलन लैम्ब का मानना है कि भारत को टेस्ट मैच जीतने के लिए अपने तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पर काफी हद तक निर्भर रहना होगा लेकिन उनकी प्रतिभा को देखते हुए वे 50 ओवर के मैचों में किसी भी टीम को हराने की क्षमता रखते हैं।
इंग्लैंड की तरफ से 79 टेस्ट मैच के अलावा तीन बार वनडे विश्व कप में खेलने वाले 71 वर्षीय लैम्ब भारतीय क्रिकेट के विकास विशेषकर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने जिस तरह से दुनिया भर के खिलाड़ियों का जीवन बदला उससे काफी खुश हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) जिस तरह से टेस्ट क्रिकेट को संचालित कर रही है उससे वह खुश नहीं दिखे। लैम्ब ने पीटीआई से बात करते हुए काउंटी क्रिकेट में कपिल देव के साथ खेलने के दिनों के बारे में भी बात की और बताया कि वह सचिन तेंदुलकर को सुनील गावस्कर और विराट कोहली से बेहतर क्यों मानते हैं।
प्रश्न : आपने 1984-85 की श्रृंखला में पहली बार भारत का दौरा किया था और इससे पहले 1982 में भारत के खिलाफ लॉर्ड्स में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। आप भारतीय क्रिकेट के उदय को किस तरह से देखते हैं?
उत्तर : मेरा शुरू से मानना था कि भारतीय क्रिकेट आगे बढ़ेगा। यह धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। क्रिकेट भारत का नंबर एक खेल है और वह हमेशा शीर्ष पर रहेगा। आईपीएल ने भारत और दुनिया में क्रिकेट को बदल दिया है। 15 और 16 साल के इन युवाओं (वैभव सूर्यवंशी जैसे) को आगे बढ़ते हुए और अपनी विशिष्ट छाप छोड़ते हुए देखना अविश्वसनीय है। एक दिवसीय क्रिकेट में भारत को हर प्रतियोगिता जीतनी चाहिए। टेस्ट मैचों में आप बुमराह पर बहुत अधिक निर्भर रहने वाले हैं और आपको विराट कोहली की बहुत कमी खलेगी।
प्रश्न : क्या आप आईपीएल में खेलना पसंद करते और इसने एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के जीवन को किस तरह बदल दिया है?
उत्तर : आईपीएल ने वर्तमान समय के सभी क्रिकेटरों की ज़िंदगी बदल दी है। उन्हें टेस्ट क्रिकेट खेलने की ज़रूरत नहीं है। वे दुनिया भर में टी20 लीग के साथ अनुबंध कर सकते हैं और खूब पैसा कमा सकते हैं। मेरा मतलब है, जब हम खेलते थे तो हमें इतना पैसा नहीं मिलता था। लेकिन उनके लिए यह अच्छा है। वे लाखों डॉलर के हकदार हैं। और क्या मैंने आईपीएल का आनंद लिया होता। निश्चित तौर पर क्योंकि जब मैं खेलता था, तो मैं हमेशा आखिरी 20 ओवरों तक या अगर हम 50 ओवर का मैच खेलते थे तो आखिरी 10 ओवरों तक इंतजार करता था।
प्रश्न : आपने नॉर्थम्पटनशर में कपिल देव के साथ खेला है तथा सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ियों के खिलाफ खेला है। आपका पसंदीदा भारतीय क्रिकेटर कौन है?
उत्तर : मुझे कपिल देव का खेलने का तरीका बहुत पसंद था। हम नॉर्थम्पटन में साथ-साथ खेले हैं। मुझे याद है कि वह मेरे पास आए और मैंने कहा, ‘कपी, मैं बहुत खुश हूं कि तुम यहां आए हो। हमें अपनी गेंदबाजी को मजबूत करने की जरूरत है।' उन्होंने कहा, ‘नहीं, मैं अपनी गेंदबाजी को नहीं अपनी बल्लेबाजी को बेहतर बनाने आया हूं। मैं यहां एक बल्लेबाज के तौर पर आया हूं, जिसका मैंने हमेशा आनंद लिया है।'
प्रश्न : गावस्कर, सचिन या कोहली?
उत्तर : इसका जवाब मेरे लिए आसान है सचिन तेंदुलकर। मैं उनके खिलाफ तब खेला था जब वह 18 साल के थे। मैंने स्लिप में उनका कैच छोड़ दिया था और उन्होंने इसका फायदा उठाकर शतक ठोक दिया था। इसलिए मैं उनसे हमेशा कहता रहता हूं कि मैंने उनकी मदद की। कोहली शानदार खिलाड़ी हैं। उनके पास सभी तरह के शॉट हैं, वे तेजी से रन बना सकते हैं। लेकिन अगर आप उन खिलाड़ियों की बात करें जिनके खिलाफ मैं खेला हूं तो मैं सचिन तेंदुलकर का नाम लूंगा। मैं उन्हें सुनील गावस्कर से भी आगे रखूंगा।
प्रश्न : आप विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के वर्तमान प्रारूप के प्रशंसक नहीं हैं। ऐसा क्यों?
उत्तर : आईसीसी को इस बारे में कुछ करना होगा, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैचों के लिए जो प्रारूप है, लोग निश्चित नहीं हैं कि इसमें क्या हो रहा है, क्योंकि यह दो वर्षों से चल रहा है। कुछ टीमें ऐसी हैं, जैसा कि सभी ने कहा, कि दक्षिण अफ्रीका ने इसलिए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया क्योंकि उसने कमजोर टीमों का सामना किया था। लेकिन यह दक्षिण अफ्रीका की समस्या नहीं थी। यह आईसीसी की समस्या थी। उन्होंने इसे उजागर किया। आईसीसी को इस पर काम करना होगा नहीं तो खेल को नुकसान होगा।