खेल डैस्क : कहते हैं भगवान भी ज्यादा मौके नहीं देता। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच फाइनल मुकाबले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। अहम मुकाबले में न्यूजीलैंड को उम्मीदें अपनी सलामी बल्लेबाज रचिन रवींद्र से थीं, जोकि टूर्नामेंट में दो शतक लगा चुके हैं। एक तरफ जहां भारतीय प्रशंसक टीम इंडिया की जीत की दुआएं कर रहे थे तो वहीं, रचिन इस मुकाबले में अपनी किस्मत के साथ उतरे थे। रचिन को दो जीवनदान मिले। लेकिन आखिर में भारतीय प्रशंसकों को दुआएं जीत गईं। रचिन तीसरे मौके पर आऊट हो गए। उनके आऊट होते फैंस ही फैंस में गजब उत्साह देखने को मिला। ऐसा लगा जैसे भारत ने खिताब जीत लिया हो।

पहला मौका नाकाम : शमी 7वीं ओवर फेंक रहे थे। तीसरी गेंद पर रचिन शॉट मिस कर गए। गेंद सीधी शमी की बाई ओर गई। शमी ने अपना बायां हाथ गेंद की ओर किया लेकिन गेंद हाथ से लगकर छिटक गई। रोहित शर्मा निराश हो गए। इधर, शमी को हाथ पकड़े देखा गया। ऐसा लगा कि गेंद उनके हाथ के निचले साइड जोर से लगी है। मैदान पर फिजियो बुलाया गया।

दूसरा मौका नाकाम : शमी के छोड़े कैच को 3 गेदें ही निकली थीं कि 8वें ओवर की पहली गेंद पर श्रेयस अय्यर ने रचिन का कैच छोड़ दिया। रचिन ने वरुण चक्रवर्ती की गेंद पर बड़ा शॉट लगाया था। श्रेयस डीप मिड विकेट पर गेंद लपकने के लिए दौड़ते नजर आए। उन्होंने गोता लगाया लेकिन गेंद हाथ से छिटक गई। विराट कोहली इससे बेहद निराश दिखे। श्रेयस ने कैच पकड़ने के लिए करीब 21 मीटर की दौड़ लगाई थी लेकिन वह इसे पकड़ नहीं पाए।
तीसरा मौका कामयाब : 11वें ओवर में गेंदबाजी करने आए कुलदीप यादव ने कमाल कर दिया। उनकी फेंकी गेंद को रचिन ड्राइव मारने के चक्कर में पूरी तरह मिस कर गए। गेंद उनके बल्ले और पैड के बीच से निकल गई और विकेट उड़ा ले गई। इसीके साथ दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शक जूझने लगे। रचिन जोकि टूर्नामेंट में दो शतक लगा चुके हैं, का विकेट निकालना टीम इंडिया के लिए अच्छा संकेत रहा।