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नई दिल्ली : पेशेवर सर्किट में प्रतिस्पर्धा करने के अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए तैयार भारतीय मुक्केबाज निशांत देव ने कहा कि इस कदम का मतलब यह नहीं है कि ओलंपिक पदक के लिए उनकी कोशिश खत्म हो जाएगी इसलिये अगर यह खेल 2028 लॉस एंजिलिस में बना रहता है तो वह इसमें शिरकत करेंगे। 

निशांत ने पेरिस ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में मिली करीबी हार और ओलंपिक में मुक्केबाजी के भविष्य को लेकर अनिश्चितता के कारण पेशेवर बनने का फैसला किया। हालांकि वह लॉस एंजिलिस ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं। 2023 विश्व चैंपियनशिप में लाइट मिडिलवेट (71 किग्रा) में कांस्य पदक जीतने वाले इस मुक्केबाज ने एडी हर्न की ‘मैचरूम बॉक्सिंग' से करार किया है। 

उनकी पहली पेशेवर बाउट 25 जनवरी को लॉस एंजिलिस में होगी। देव लॉस एंजिलिस में पेशेवर मुक्केबाज रोनाल्ड सिम्स की देखरेख में अपना मुक्केबाजी कौशल निखार रहे हैं। उन्होंने लॉस एंजिलिस से कहा, ‘मैं ओलंपिक में खेलने का अपना सपना पूरा करना चाहता था जो मैं कर चुका हूं। लेकिन अब मैं पेशेवर मुक्केबाजी में खेलने के अपने दूसरे सपने को पूरा करना चाहता हूं।' 

देव को अब भी पेरिस ओलंपिक में मिली करीबी हार सालती है जिसमें वह मेक्सिको के मार्को वर्डे से विवादास्पद क्वार्टरफाइनल हार गये थे। उन्होंने कहा, ‘मैं टूट गया था। इतने बड़े मंच पर इस तरह का झटका चुनौतीपूर्ण था।' ओलंपिक में मुक्केबाजी के भविष्य की अनिश्चितता इस निराशा को और भी बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, ‘अभी तक मुक्केबाजी की ओलंपिक के लिए पुष्टि नहीं की गई है। मैं यह जानने के लिए तीन साल तक इंतजार नहीं करना चाहता कि यह ओलंपिक में शामिल नहीं है। इसलिए इस समय का उपयोग मेरे पेशेवर मुक्केबाजी के सपने को पूरा करने में किया जा सकता है।' 

उन्होंने कहा, ‘मैं अभी 24 साल का हूं और मुझे कहा गया है कि मैं इसके लिए बड़ा हूं। अगर मैंने विजेंदर सिंह या विकास कृष्ण की तरह देर से शुरुआत की होती तो मुझे इसका पछतावा होता क्योंकि इनके पेशेवर करियर का अंत इतना अच्छा नहीं रहा।' देव ने कहा, ‘मैं बड़े सपने देखता हूं। मैं भारत का पहला पेशेवर विश्व चैंपियन बनना चाहता हूं और सभी मुख्य बेल्ट जीतना चाहता हूं।'