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दुबई : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने सात जून से होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल से पूर्व क्रिकेट नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए ‘सॉफ्ट सिग्नल' नियम को समाप्त कर दिया है। आईसीसी ने सोमवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि यह फैसला सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली पुरुष क्रिकेट समिति और महिला क्रिकेट समिति की सिफारिशों के बाद लिया गया। सॉफ्ट सिग्नल नियम के अनुसार, मैदान पर मौजूद अंपायर किसी संदिग्ध कैच पर थडर् अंपायर की मदद लेने से पहले अपना निर्णय प्रेषित करते हैं। यदि थडर् अंपायर भी फुटेज देखने के बाद स्पष्ट निर्णय तक नहीं पहुंच पाते तो ‘सॉफ्ट सिग्नल' के पक्ष में ही फैसला सुनाते हैं। नियम में बदलाव के बाद, मैदान पर मौजूद अंपायर सॉफ्ट सिग्नल नहीं दे सकेंगे। 

आईसीसी ने कहा, ‘‘मैदान पर उपस्थित अंपायर कोई फैसला लेने से पहले टीवी अंपायर से परामर्श करेंगे।'' गांगुली ने कहा, ‘‘पिछले दो सालों में हुई क्रिकेट समिति की बैठकों में भी सॉफ्ट सिग्नल पर विमर्श किया जा चुका है। समिति ने इसपर गहन विचार किया और निष्कर्ष निकाला कि सॉफ्ट सिगनल अनावश्यक थे। वह कई बार भ्रामक थे क्योंकि रिप्ले में कैच को स्पष्ट रूप से मान्य नहीं ठहराया जा सकता था।'' इसी बीच, आईसीसी ने उच्च-जोखिम वाली जगहों पर खिलाड़ियों के लिये हेल्मेट पहनना अनिवार्य कर दिया। नये नियमों के अनुसार, अगर कोई खिलाड़ी तेज गेंदबाज का सामना कर रहा है तो उसके लिये हेल्मेट पहनना अनिवार्य है। इसके अलावा यदि विकेटकीपर स्टंप्स के पास खड़ा है या कोई फील्डर बल्लेबाज के बेहद करीब तैनात है तो उसके लिये हेल्मेट पहनना अनिवार्य है। 

गांगुली ने कहा, ‘‘हमने खिलाड़ियों की सुरक्षा पर भी चर्चा की, जो हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। समिति ने फैसला किया कि खिलाड़यिों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये कुछ स्थितियों में हेल्मेट का उपयोग अनिवार्य करना सबसे अच्छा था।'' आईसीसी ने फ्री हिट नियम में भी एक मामूली बदलाव करते हुए बताया कि अगर फ्री हिट पर गेंद स्टंप्स से लगती है तो दौड़कर लिये गये रनों को बल्लेबाज के स्कोर में जोड़ा जायेगा। ये परिवर्तन एक जून 2023 को इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच लॉर्ड्स टेस्ट के साथ प्रभावी होंगे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सात जून से लंदन के द ओवल मैदान पर शुरू होने वाला अगला डब्ल्यूटीसी फाइनल भी इन नये नियमों के तहत खेला जायेगा।