नई दिल्ली : पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस श्रीसंत ने केरल क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा अपने तीन साल के निलंबन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। श्रीसंत को केसीए द्वारा चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए राष्ट्रीय टीम से संजू सैमसन को बाहर किए जाने के संबंध में संगठन के खिलाफ कथित झूठे और अपमानजनक बयानों के लिए निलंबित किया गया है। श्रीसंत ने आरोप लगाया था कि पिछले साल केरल की ओर से खेलने के लिए सैमसन को केसीए द्वारा दरकिनार कर दिया गया था और इसलिए वह चैंपियंस ट्रॉफी के लिए राष्ट्रीय टीम में चयन से चूक गए।
श्रीसंत पर प्रतिबंध का निर्णय 30 अप्रैल को कोच्चि में केसीए की वार्षिक आम सभा की बैठक में लिया गया था और शुक्रवार को राज्य क्रिकेट निकाय द्वारा एक आधिकारिक बयान के माध्यम से इसे साझा किया गया। श्रीसंत ने इस मामले पर टिप्पणी करने के लिए चुप्पी साधे रखी। श्रीसंत ने केरल क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा उनके निलंबन के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'मुझे इसकी जानकारी नहीं है।'
इस बीच श्रीसंत अब केसीए से आधिकारिक संचार की प्रतीक्षा कर रहे हैं और सूत्रों के अनुसार वह तीन साल के निलंबन के खिलाफ कानूनी सहारा लेंगे। यह पहली बार नहीं है जब श्रीसंत ने मुसीबत मोल ली है। पिछली बार 2023 में लीजेंड्स लीग क्रिकेट (एलएलसी) कमिश्नर ने उन्हें मौजूदा भारतीय पुरुष टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ मैदान पर हुए विवाद के बाद कानूनी नोटिस भेजा था।
इससे पहले 9 मई 2013 को राजस्थान रॉयल्स के लिए पंजाब के खिलाफ अपने आखिरी आईपीएल मैच के बाद उन पर स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने का आरोप लगे था, जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हालांकि श्रीसंत ने पूरे विवाद में हमेशा अपनी बेगुनाही का दावा किया, लेकिन उन्हें अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला के साथ आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके बाद तेज गेंदबाज ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जिसने आजीवन प्रतिबंध को खारिज कर दिया और सजा को घटाकर सात साल का निलंबन कर दिया गया, जो सितंबर 2020 में समाप्त हो गया।
इसके बाद श्रीसंत ने 2021 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में केरल के लिए खेले। उन्होंने रणजी ट्रॉफी के 2021-22 संस्करण में मेघालय के खिलाफ केरल के लिए अपना आखिरी प्रथम श्रेणी मैच खेला। मार्च 2023 में श्रीसंत ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की।