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नई दिल्ली : एशियाई खेल चैम्पियन भारतीय पुरूष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह महान क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से तुलना पसंद नहीं करते और उनका मानना है कि वह मैदान पर धोनी की तरह शांतचित्त नहीं रहते। एशियाई खेलों में 13 गोल करने वाले हरमनप्रीत की धोनी से तुलना महान हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै ने की थी। 

हरमनप्रीत ने कहा, ‘मैदान पर मैं कभी शांत नहीं रहता। मैं आक्रामक रहता हूं लेकिन मैदान के बाहर शांत रहने की कोशिश करता हूं।' भारत को 2011 विश्व कप दिलाने वाले धोनी को दबाव के क्षणों में शांत रहने के लिये ‘कैप्टन कूल' कहा जाता है। हरमनप्रीत ने कहा, ‘मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि मेरी तुलना धोनी जैसे महान खिलाड़ी से हुई लेकिन मैं मैदान पर उतना कूल नहीं रहता।' 

पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के बाद अब भारतीय टीम राहत की सांस ले रही है और अब नजरें पेरिस में पदक का रंग बदलने पर लगी है। हरमनप्रीत ने कहा, ‘एक खिलाड़ी के तौर पर आप कभी संतुष्ट नहीं रहते। आपको अपना सपना पता होता है। स्वर्ण जीतने के बाद अगली बार आप उसे बरकरार रखना चाहोगे।' 

उन्होंने कहा, ‘पिछली बार हमने ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई नहीं कर पाने का दबाव झेला था। अब हमारे जेहन में साफ है कि हम क्वालीफाई कर चुके हैं और बिना किसी दबाव के ओलंपिक की तैयारी करेंगे। अब पदक का रंग बेहतर करना है।' उन्होंने कहा, ‘इस टीम की सबसे अच्छी बात यह है कि सारी बात खुलकर होती है। टीम में काफी प्रतिस्पर्धा है और हर खिलाड़ी अहम है। सभी एक दूसरे के खिलाफ स्पर्धा करते हैं, एक दूसरे की मदद करते हैं क्योंकि हम अधिकांश समय परिवार से दूर शिविर में बिताते हैं। हम एक दूसरे से सब कुछ साझा करते हैं।' 

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा कि बेहतरीन ड्रैग फ्लिकरों की मौजूदगी से भारत का विश्व हॉकी मे कद ऊंचा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘टीम लगातार अच्छा खेल रही है। हम किसी मैच में दबाव में नहीं आए। पहले हमारे पास स्तरीय ड्रैग फ्लिकर नहीं थे जैसे पाकिस्तान के पास सोहेल अब्बास था। लेकिन अब हमारे पास हरमनप्रीत, अमित रोहिदास और वरूण कुमार है।'