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लंदन : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने रविवार को कहा कि पिछले महीने ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे वनडे के दौरान उन्हें अपना आपा खोने पर कोई पछतावा नहीं है। हरमनप्रीत पर इस कारण दो मैचों का प्रतिबंध लगा था। 

ढाका में अंपायर के उन्हें आउट देने के बाद उन्होंने स्टंप पर बल्ला मार दिया था। बाद में मैच के बाद भी उन्होंने द्विपक्षीय श्रृंखला के दौरान हुई अंपायरिंग को खराब बताया था। इस प्रतिबंध के कारण हरमनप्रीत भारत के सितंबर-अक्टूबर में हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों के पहले दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में नहीं खेल पाएंगी। 

हरमनप्रीत ने महिलाओं के ‘द हंड्रेड' के दौरान ‘द क्रिकेट पेपर' से कहा , ‘मैं ऐसा नहीं कहूंगी कि मुझे किसी चीज का पछतावा है क्योंकि बतौर खिलाड़ी आप देखना चाहते हो कि ठीक चीजें हो रही हैं। बतौर खिलाड़ी आपके पास हमेशा खुद को अभिव्यक्त करने और आप क्या महसूस कर रहे हो, उसे बताने का अधिकार होता है।' 

हरमनप्रीत टूर्नामेंट में ‘ट्रेंट रॉकेट्स' के लिए खेल रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मैंने किसी खिलाड़ी या किसी व्यक्ति से कुछ भी गलत कहा। मैदान पर जो हुआ मैंने सिर्फ उसके बारे में बताया। मुझे किसी चीज का पछतावा नहीं है।' प्रतिबंध के अलावा हरमनप्रीत के खाते में तीन ‘डिमैरिट' अंक भी जोड़ दिए गए क्योंकि उन्होंने अंपायर के फैसले पर असहमति दर्शायी थी। मैच अधिकारियों की सार्वजनिक आलोचना के लिए भी एक डिमैरिट अंक जुड़ा था।