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स्पोर्ट्स डैस्क : वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 209 रन से हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ भारत का एक बार फिर आईसीसी ट्राॅफी जीतने का सपना टूट गया। भारत की हार के बाद सोशल मीजिया पर महेंद्र सिंह धोनी ट्रेंड करने लगे। फैंस कहने लगे कि धोनी ही ऐसे इकलाैते कप्तान थे जो टीम को खिताब जीता सकते थे। धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2007 टी20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप तो 2013 में चैंपियंस ट्राॅफी जीती। एक फैन ने लिखा कि कैसे धोनी ने 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में सीनियर खिलाड़ियों की गैरहाजिरी में पहली बार कप्तानी करते हुए खिताब जीता और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को अकेले दम पर हरा दिया। पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को यह बात पसंद नहीं आई क्योंकि पूरी टीम के दम पर ही भारत खिताब जीत पाया था। 

क्या लिखा फैन ने?

दरअसल, फैन ने अपने ट्वीट में लिखा, ''कोई कोच , कोई मेंटॉर नहीं, सीनियर खिलाड़ियों ने भी हिस्सा नहीं लिया, टी20 विश्व कप से पहले कभी कप्तानी नहीं की. लेकिन, इस (धोनी) खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को सेमीफाइनल में हराया और कप्तान बनने के 48 दिन के भीतर भारत को टी20 का वर्ल्ड चैंपियन बना दिया'' फैन के इस बात का जवाब देते हुए हरभज ने लिखा कि सिर्फ धोनी ही नहीं, बाकी 10 खिलाड़ियों ने भी तब भारत की जीत में अहम योगदान दिया था। क्रिकेट किसी एक खिलाड़ी का खेल नहीं, ये टीम स्पोर्ट है।

हरभजन ने लगाई क्लास

हरभजन ने लिखा, “हां जब ये मैच खेले गए थे तो यह युवा (धोनी) लड़का भारत से अकेले खेल रहा था.. अन्य 10 नहीं.. इसलिए अकेले ही उसने विश्व कप की ट्रॉफियां जीतीं। हैरान कर देने वाली बात यह है कि जब ऑस्ट्रेलिया या कोई अन्य देश वर्ल्ड कप जीतता है तो सुर्खियां ये बनती हैं कि ऑस्ट्रेलिया या किसी देश ने टूर्नामेंट जीता। लेकिन जब भारत ऐसा करता है तो कहा जाता है कि कप्तान जीत गया। बता दूं ये टीम स्पोर्ट है और आप साथ जीतते हो और साथ हारते।”