नई दिल्ली : मजबूरियां किसी से भी कुछ भी करवा सकती है। यही कहानी डच जिमनास्ट वेरोना वैन डे लेउर की है। स्टुगार्ट में 2002 के जिमनास्ट विश्व कप के दौरान वेरोना ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मैडल हासिल किया है। उनके साथी जहां उनके बेहतर भविष्य की कामना कर रहे थे वहीं, वेरोना को कुछ बाद ऐसी स्थितियों से गुजरना पड़ा कि उनके पास पोर्न इंडस्ट्री में जाने के सिवाए कोई चारा नहीं बचा।
33 साल की वेरोना को हॉलैंड में जिमनास्ट का भविष्य माना जाता था। 2002 में ही वेरोना ने जिमनास्टिक के विभिन्न इवेंट्स में आठ मेडल जीत लिए थे। इसी कारण उन्हें उसी साल हॉलैंड स्पोटर््सवुमन ऑफ 2002 का अवॉर्ड भी मिला था।
दो साल कार में सोई
वेरोना पर बुरा दौर तब आया जब साल 2011 शुरू हुआ। उसे ब्लैकमेलिंग और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रखने के कारण 72 दिनों की जेल भुगतनी पड़ी। इस सबसे वह इतना तंग आ गई कि उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई। वेरोना बताई थी बुरे दिनों में सब साथ छोड़ गए थे। वह अपनी कार में ही दो साल सोती रही।
आजीविका चलाने के लिए चुनी पोर्न इंडस्ट्री
वेरोना ने बताया कि घर से निकाले जाने के बाद उन्होंने वैबकैम मॉडल के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे वह प्रसिद्ध हुई तो उन्होंने कई एडल्ट कंपनियों से करार किए। अब मुझे आठ साल हो गए हैं। मैं इसे एक जॉब की तरह मानती हूं। मैं इससे खुश हूं।
मैं अपनी रूल फॉलो करती हूं
वेरोना ने कहा कि कोई कोई टिपिकल पोर्न एक्ट्रैस नहीं हूं। मैंने अपने रूल्स और काम तय कर रखे हैं। या तो यह मैं अकेले करती हूं या अपने ब्वॉयफ्रैंड के साथ।
फैमिली से रही प्रॉब्लम
वेरोना ने कहा कि जब मैं अपने करियर की चरम पर थी तब उनकी परिवार से अनबन हो गई थी। दरअसल मैं कुछ और करना चाहती थी। मां-बाप इसके लिए राजी नहीं थे। उन्हें मुझे घर से निकाल दिया। यहां तक कि घर के दरवाजे का ताला भी बदलवा दिया।
ब्वॉयफ्रैंड के साथ काटा वक्त
वेरोना ने कहा कि घर से बाहर होने के कारण वह सड़क पर आ गई थी। उसके ब्वॉयफ्रैंड के पास कुछ पैसे थे इससे उन्होंने कुछ दिन तो निकाल लिए लेकिन बाद में तंगहाली ने परेशान किया। कई दिन ऐसे थे जब खाने को कुछ नहीं होता था। ऐसे में हमारे सामने पोर्न इंडस्ट्री को चुनने के सिवाए कोई चारा नहीं बचा था।