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नई दिल्ली : बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के अध्यक्ष सौरव गांगुली को उनके खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत के बावजूद आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स के डगआउट में बैठने से नहीं रोका जाएगा लेकिन उन्हें इस मामले में बीसीसीआई लोकपाल के सामने स्वयं उपस्थित होना पड़ सकता है। गांगुली दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार हैं जिसे 12 अप्रैल को कोलकाता में कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ मैच खेलना है। 

बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) डी के जैन इस मामले में अंतिम फैसला देने से पहले इस पूर्व भारतीय कप्तान का पक्ष सुनना चाहते हैं। कोलकाता के तीन प्रशंसकों भासवती सांतुआ, रणजीत सील और अभिजीत मुखर्जी ने बीसीसीआई लोकपाल डी के जैन को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पूर्व भारतीय कप्तान की दोहरी भूमिका हितों के टकराव के अंतर्गत आती है। गांगुली ने लोकपाल के नोटिस पर इन आरोपों का सिरे से खंडन किया। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बुधवार को पीटीआई से कहा, ‘सौरव को दिल्ली कैपिटल्स के डगआउट में बैठने से नहीं रोका गया है। यह मामला अब भी लोकपाल के पास लंबित है और कोई कानून उन्हें डगआउट में उपस्थित रहने से नहीं रोक सकता।’ 

उन्होंने कहा, ‘लेकिन हां अगर वह किसी अन्य जगह पर बैठना चाहते है तो यह उनका फैसला होगा। तथा न्यायमूर्ति जैन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह खास मैच उनकी चिंता नहीं है। इसलिए मामला पहले ही साफ हो गया है।’ लेकिन जब उन्होंने लोकपाल को अपना जवाब भेज दिया है तो फिर उन्हें स्वयं उपस्थित होने की क्यों जरूरत पड़ रही है? अधिकारी ने कहा, ‘यह नैर्सिगक न्याय के सिद्धांतों का अनुसरण करना है। यहां तक कि हार्दिक पंड्या और केएल राहुल को भी लिखित जवाब देने के बाद व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना पड़ा था। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि लोकपाल सौरव को बुलाएंगे लेकिन मामले को बंद करने से पहले उनके पास यह विकल्प है।’