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चेन्नई : भारत के नए गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल का मानना है कि भारतीय क्रिकेट की व्यवस्था अपने आप संचालित होती है और उनका लक्ष्य छोटे-छोटे तरीकों से इसे बेहतर बनाना होगा। मोर्कल काफी समय से भारत में रह रहे हैं। वह भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ लखनऊ सुपर जॉइंट्स के सहयोगी स्टाफ में भी शामिल थे। इसलिए वह भारतीय क्रिकेट की व्यवस्था से अच्छी तरह वाकिफ हैं और जानते हैं कि उन्हें इसमें किस तरह से काम करना है।


मोर्कल ने उस पल को याद किया जब बीसीसीआई ने भारतीय टीम के साथ जुड़ने के लिए उनसे संपर्क किया था और कहा था कि वह इस बारे में बात करने के लिए सबसे पहले उनके पिता के पास गए थे। मोर्कल ने कहा कि मैं उस वक्त कमरे में पांच मिनट तक बैठा रहा और इस पर विचार करता रहा। मैंने सबसे पहले अपने पिता से बात की। पत्नी के पास नहीं गया। आम तौर पर कहते हैं कि अपनी पत्नी के पास जाना चाहिए लेकिन मैं पिताजी से बात करने गया। मैं एक क्रिकेट खिलाड़ी रहा हूं। मैं वर्षों से प्रशंसक हूं और यह जानना कि क्या होने वाला है, यह एक विशेष क्षण है। मैंने लगभग 5 से 7 मिनट तक अकेले इसका आनंद लिया और फिर अपने परिवार के साथ इस अवसर के बारे में साझा किया।


जल्द ही 40 वर्ष के होने वाले मोर्कल ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास उच्च स्तर के खिलाड़ी हैं जो हमेशा अपने क्षेत्र में मोर्चा संभालेंगे। हमारी जिम्मेदारी उनका समर्थन करना और उन्हें सर्वोत्तम सलाह देना है जो हम दे सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 544 विकेट लेने वाले मोर्कल भारतीय खिलाड़ियों का पेशेवर रवैया देख कर भी हैरान हैं। उन्होंने कहा कि यह अच्छा संकेत है और उम्मीद है कि हम इसे आगे बढ़ाने में अपना योगदान देंगे। दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व तेज गेंदबाज को यह भी लगता है कि रोहित शर्मा, विराट कोहली, रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और जसप्रीत बुमराह हमेशा अपने-अपने विभाग में मोर्चा संभालेंगे और उनका काम उन्हें सर्वश्रेष्ठ सलाह देना होगा।